छत्तीसगढ़ में नक्सलियों से लोहा लेने के साथ-साथ पर्यटन का भी जिम्मा संभालेंगे जवान

नक्सलियों के गढ़ कहे जाने वाले राज्य छत्तीसगढ़ में नक्सलियों से लोहा लेने के साथ-साथ सुरक्षा बलों के जवान पर्यटन विभाग की भी जिम्मेदारी अपने कंधों पर लेंगे. छत्तीसगढ़ में जगदलपुर के बीहड़ नक्सली क्षेत्र के जवान अब पर्यटन विभाग की जिम्मेदारी भी संभालेंगे. इससे देश में जवानों की एक नई छवि नागरिकों तक पहुंचेगी.

बस्तर रेंज के आईजी विवेकानन्द सिन्हा ने कहा कि बस्तर की छवि देश और दुनिया में नक्सलवाद को लेकर बनी हुई है. ऐसे हालात में अपने ही प्रदेश के दीगर शहर के लोग यहां आने से कतराते हैं. पर्यटक पुलिस की सबसे बड़ी जिम्मेदारी यह है कि वे यहां आने वाले पर्यटकों की सोच में बदलाव लाएं. पुलिस के जवान यहां पहुंचने वाले पर्यटकों की मदद तो करेंगे ही साथ ही उन्हें यहां की संस्कृति और यहां के अन्य पर्यटन स्थलों की जानकारी देंगे. इसके अलावा पर्यटक पुलिस पर्यटन स्थलों में सैलानियों की सुरक्षा का भी काम करेगी.

उन्होंने कहा कि बस्तर की तस्वीर को देश और दुनिया में बदलने के लिए पुलिस ने पर्यटक पुलिस कॉन्सेप्ट की शुरुआत की है. पर्यटन स्थलों पर पर्यटक पुलिस की तैनाती से पहले पुलिस विभाग के चुने हुए सर्वश्रेष्ठ 40 जवानों को तीन दिनों का प्रशिक्षण दिया गया.

प्रशिक्षण सत्र के अंतिम दिन पुलिस के जवानों ने यहां एक विशेष डांस भी किया। लांचिंग के मौके के लिए एक विशेष धुन तैयार की गई थी. इन जवानों का चयन संबंधित थानेदारों की सिफारिश पर किया गया है. यह डांस विशेष तौर पर पर्यटक पुलिसिंग की शुरुआत होने पर इसकी लांचिंग के लिए तैयार किया गया था.

सिन्हा ने कहा कि पर्यटक पुलिस के तौर पर 40 पुलिस के जवानों को तीरथगढ़, कोटमसर और चित्रकोट में तैनात किया जाएगा. ये जवान स्थानीय लोगों के साथ मिलकर यहां काम करेंगे. जिन जवानों को यहां तैनात किया जा रहा है वे विभाग के सबसे बेहतरीन जवान हैं.

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