ED को अदालत ने लगाई फटकार, पूछा-जाकिर नाइक जैसी तेजी आसाराम जैसे बाबाओं के मामले में क्यों नहीं दिखाई

मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़ी एक अदालत ने आसाराम जैसे स्वयंभू बाबाओं के खिलाफ कार्रवाई में लेटलतीफी करने जबकि विवादित इस्लामिक उपदेशक जाकिर नाईक के खिलाफ कार्रवाई में तेजी दिखाने के लिए प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को फटकार लगाई है। अदालत ने विवादास्पद इस्लामी उपदेशक जाकिर नाइक के खिलाफ दर्ज धन शोधन के एक मामले में कुर्क की गयी अचल संपत्तियों पर कब्जा लेने से रोक दिया है। जज मनमोहन सिंह ने कहा कि आखिर प्रवर्तन निदेशालय ‘बाबाओं’ केस को नजरअंदाज क्यों कर रहा है और जाकिर नाईक के मामले में रफ्तार दिखा रहा है। जज ने यह टिप्पणी तब की जब ईडी ने जाकिर नाईक की संपत्तियों को सील करने की इजाजत मांगी थी। जाकिर नाईक के खिलाफ देश और विदेश में आतंक भड़काने का आरोप है। जज मनमोहन सिंह धन शोधन रोकथाम कानून के अपीलीय प्राधिकरण के प्रमुख हैं। जज ने ईडी के अधिकारियों को कहा, ‘मैं आपको 10 बाबाओं के नाम गिना सकता हूं जिनके पास 10 हजार करोड़ से ज्यादा की संपत्ति है और उनके खिलाफ आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं, क्या आपने इनमें से एक के खिलाफ भी कार्रवाई की है, आसाराम बापू का मामला क्या है?’

बता दें कि पिछले दो साल से ज्यादा समय से जेल में बंद आसाराम के खिलाफ यौन शोषण के आरोप हैं। जस्टिस सिंह ने तंज कसते हुए कहा, ‘पिछले 10 सालों में ईडी ने आसाराम की संपत्ति को जब्त करने के लिए कुछ नहीं किया है, लेकिन नाईक के केस में मैं देख सकता हूं कि ईडी थोड़ी ज्यादा ही रफ्तार से काम कर रही है।’ इसके बाद अदालत ने ईडी के वकीलों को कहा कि वह जाकिर नाईक की संपत्ति को सील करने का आदेश नहीं दे सकते हैं क्योंकि ईडी की चार्जशीट में जाकिर नाईक द्वारा कोई विशेष अपराध को नहीं दिखाया गया है। ईडी के आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि एजेंसी अपीलीय प्राधिकरण या न्यायाधिकरण के आदेश के खिलाफ उच्च न्यायालय में अपील करेगी और मामले में यह झटके वाली बात नहीं है।

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