ग्रेटर नोएडा के शाहबेरी इमारत हादसे में मरने वालों की संख्या हुई 8, मलबे में और के दबे होने की आशंका
ग्रेटर नोएडा पश्चिम के शाहबेरी गांव में मंगलवार देर रात दो इमारतों के ढहने से आठ लोगों की मौत हो गई। इस हादसे के बाद बुधवार को पुलिस ने एक बिल्डर सहित तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है। डेढ़ दर्जन लोगों के खिलाफ गैर-इरादतन हत्या समेत अन्य धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है। जिलाधिकारी ने हादसे की मजिस्ट्रेटी जांच के आदेश दिए हैं।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लापरवाही बरतने के कारण ग्रेटर नोएडा के दो अधिकारियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित करते हुए उनके खिलाफ अनुशासनिक कार्रवाई के आदेश दिए हैं। इस बीच ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण में विशेष कार्य अधिकारी (ओएसडी) विभा चहल को पद से हटा दिया गया है।
मंगलवार रात हुए इमारत हादसे के बाद शाहबेरी में एनडीआरएफ के चार दस्ते अब भी राहत और बचाव कार्यों में लगे हैं। मलबे में कितने लोग दबे हैं, इसके बारे में कुछ पता नहीं है। काफी संख्या में लोगों के मलबे में दबे होने की आशंका है। मुख्य अग्निशमन अधिकारी अरुण कुमार सिंह ने बताया कि दोनों इमारतों में दस-बारह लोगों के फंसे होने की आशंका है। उन्होंने बताया कि अब तक आठ लोगों के शव मिल चुके हैं। मृतकों में पांच पुरुष, दो महिलाएं और एक बच्ची है। बच्ची का शव देर रात मिला। सिंह ने बताया कि बीती रात से ही चल रहे बचाव और राहत कार्य में देर रात को दो लोगों के शवों को बाहर निकाला गया था, जबकि बुधवार सुबह एक व्यक्ति के शव को बाहर निकाला गया। उन्होंने बताया कि शाम छह बजे के करीब एक पुरुष और एक महिला के शव को बाहर निकाला गया। उन्होंने बताया कि बुधवार रात एक महिला राजकुमारी (50) और 14 महीने की एक बालिका पंखुडी के शव बरामद किए गए। इससे पहले मिले शवों में से तीन की शिनाख्त हो गई थी। एक महिला का नाम प्रियंका है, दो अन्य शवों की पहचान रंजीत और शमशाद के रूप में हुई है। प्रियंका के परिवार के तीन लोग अभी मलबे में फंसे हैं, जिसकी पुष्टि उनके परिजनों ने की है। आरोपी बिल्डर ने 20 फ्लैट बनाए थे, जो सभी बिक चुके थे।
राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) के महानिदेशक संजय कुमार ने कहा कि मलबा बहुत ज्यादा है, लेकिन इसमें दबे लोगों के अब भी जीवित होने की संभावना है, इसलिए मशीनों का सावधानी से इस्तेमाल किया जा रहा है, ताकि किसी को नुकसान ना पहुंचे। गुरुवार तक बचाव अभियान पूरा होने की उम्मीद जताई है। मेरठ जोन के पुलिस महानिरीक्षक (आइजी) राम कुमार ने बताया कि बिसरख थाना क्षेत्र के शाहबेरी गांव में बीती रात छह मंजिला एक निर्माणाधीन इमारत ढह गई। उसकी चपेट में आकर उससे सटी एक पांच मंजिला इमारत भी ढह गई। बिसरख पुलिस ने इस सिलसिले में करीब दो दर्जन लोगों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आइपीसी) की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है। भूस्वामी-बिल्डर गंगाशंकर द्विवेदी और दिनेश व संजय को गिरफ्तार कर लिया गया है। अवैध इमारत का निर्माण करने को लेकर 18 अन्य लोगों के खिलाफ भी मामला दर्ज किया गया है। कुमार ने बताया कि राहत और बचाव कार्य में 12 जेसीबी मशीनें और दो पोकलेन मशीनें लगाई गई हैं।
इस बीच, ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी पार्थ सेन सारथी ने एक बयान जारी कर कहा कि सर्वोच्च न्यायालय के आदेश पर शाहबेरी गांव के भूमि अधिग्रहण के लिए जारी की गई अधिसूचना 12 मई, 2011 को रद्द कर दी गई थी। बुधवार देर शाम लखनऊ से मिली खबर के अनुसार, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गौतमबुद्धनगर के शाहबेरी में निर्माणाधीन इमारत के गिरने से हुई लोगों की मौत पर दुख व्यक्त करते हुए मृतकों के परिजनों को दो-दो लाख रुपए की आर्थिक सहायता देने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने घटना को गंभीरता से लेते हुए निर्माणाधीन भवन के निर्माण के दौरान प्रभावी प्रवर्तन की कार्यवाही में लापरवाही बरतने के कारण ग्रेटर नोएडा के सहायक प्रबंधक परियोजना अख्तर अब्बास जैदी और प्रबंध परियोजना वीपी सिंह को तत्काल प्रभाव से निलंबित करते हुए उनके खिलाफ अनुशासनिक कार्रवाई प्रारंभ किए जाने के आदेश दिए हैं। योगी ने इस मामले की जांच मंडलायुक्त मेरठ द्वारा किए जाने के निर्देश दिए हैं। इसके अलावा अवैध निर्माण करवाने वालों के खिलाफ एफआइआर कराकर दोषी लोगों को गिरफ्तार करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने मेरठ के मंडलायुक्त को यह भी निर्देश दिए हैं कि वे इस बात का सर्वे करवाएं कि इस प्रकार के कितने अवैध निर्माण कराए गए हैं।