गुजरात चुनाव: बीजेपी के विज्ञापन में ‘पप्पू’ के इस्तेमाल पर चुनाव आयोग ने जताया ऐतराज
भारतीय निर्वाचन आयोग ने मंगलवार (14 नवंबर) को भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को गुजरात विधान सभा चुनाव प्रचार के दौरान “पप्पू” नाम के प्रयोग पर ऐतराज जताया। गुजरात में नौ दिसंबर और 14 दिसंबर को मतदान होना है। नतीजे 18 दिसंबर को आएंगे। राज्य में मुख्य मुकाबला बीजेपी और कांग्रेस के बीच माना जा रहा है। चुनाव आयोग ने बीजेपी को भेजे एक पत्र में चुनाव प्रचार अभियान से जुड़े टीवी विज्ञापन, होर्डिंग, पोस्टर और बैनर इत्यादि में “पप्पू” नाम के व्यक्ति का जिक्र पर आपत्ति जतायी। इस बाबत लिखे गये पत्रों में चुनाव आयोग ने बीजेपी से अपने प्रचार सामग्री से पप्पू नाम हटाने के लिए कहा है। गुजरात चुनाव आयोग के अनुसार कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी पर परोक्ष से निशाना साधना मर्यादानुरूप नहीं है। चुनाव आयोग ने बीजेपी की प्रचार सामग्री के परीक्षण के बाद कहा कि उसमें एक खास व्यक्तित्व की तरफ इशारा करते हुए “पप्पू” शब्द का अपमानजनक इस्तेमाल किया गया है।
बीजेपी ने भी गुजरात चुनाव आयोग के इस रवैये पर आपत्ति जतायी है। बीजेपी का कहना है कि उसके प्रचार सामग्री में किसी व्यक्ति का नाम नहीं लिया गया है इसलिए आयोग का ऐसा निर्देश देना उचित नहीं है। गुजरात में कुल 182 विधान सभा सीटें हैं। बहुमत के लिए 92 सीटें चाहिए। राज्य में पिछले दो दशकों से बीजेपी की सरकार है। राज्य के पिछले तीन विधान सभा चुनाव (2002, 2007 और 2012) बीजेपी ने नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में लड़े थे। तीनों ही बार बीजेपी ने बहुमत से सरकार बनायी थी। नरेंद्र मोदी सीएम बने थे। साल 2014 में नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बन जाने के बाद राज्य में पहली बार विधान सभा चुनाव हो रहा है।
अभी हाल ही में कथित तौर पर पाटीदार नेता हार्दिक पटेल की सीडी से राजनीतिक भूचाल आ गया है। हार्दिक पटेल ने आरोप लगाया है कि ये सीडी बीजेपी ने जारी करवायी है। इससे पहले हार्दिक पटेल की एक होटल में जाने की सीडी मीडिया में जारी हुई थी। उस सीडी में दावा किया गया था कि हार्दिक राहुल गांधी से मिलने के लिए गये थे। वहीं कांग्रेसी नेता अशोक गहलोत ने आरोप लगाया था कि आईबी और गुजरात पुलिस ने उस होटल के सभी सीसीटीवी फूटेज ले लिए हैं जिनमें क्रांग्रेसी नेता रुके हुए थे। हालांकि बीजेपी इन सभी आरोपों को गलत बताती रही है