आजादी के 70 साल बाद महाराष्ट्र के इस गांव में पहुंची बिजली, बस सेवा

अपने घरों को बिजली से रोशन देखने और सरकारी बसों में सवारी करने के लिए महाराष्ट्र के अमदेली गांव के लोगों को 70 साल तक इंतजार करना पड़ा। यह गांव जंगल से घिरा है, यहां की आबादी लगभग 200 है। यहां रहने वाले सभी तेलगु भाषी हैं। यह गांव गढ़चिरौली जिले में पड़ता है और महाराष्ट्र तथा तेलंगाना की सीमा पर है। कुछ दिन पहले तक यहां बिजली या परिवहन सेवा नहीं थी। जिला अभिभावक मंत्री राजे अंबरीशराव अतराम ने यहां इन सुविधाओं को लाने के लिए गांव के लिए जिला योजना परिषद में 45 लाख रूपए के कोष की व्यवस्था की थी। इसके बाद महाराष्ट्र राज्य बिजली वितरण कंपनी लिमिटेड और लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों ने काम शुरू किया और अंतत: इस छोटे से गांव तक ये सुविधाएं पहुंची। भाजपा विधायक ने गांव में इन दो सुविधाओं का लोकार्पण कल किया। वह राज्य परिवहन की बस में सवार होकर अमदेली पहुंचे और बिजली वितरण इकाई पर पूजा की, जिसके बाद गांव में रोशनी आई।

गौरतलब है कि इस गांव की तरह ही छत्तीसगढ़ के कोकोवाड़ा में आजादी के करीब सत्तर सालों बाद बिजली पहुंची थी। बिजली पहुंचने पर गांव के निवासियों ने जमकर जश्न मनाया। ग्रामीणों के लिए गांव में बिजली देखना राहतभरा था। नक्सल प्रभावित कोकोवाड़ा में आजादी के 70 साल के बाद भी बिजली की कोई व्यवस्था नहीं थी। लोग उसी तरह से रह रहे थे, जैसे कुछ दशक पहले लोग बिना बिजली के रहते थे लेकिन ग्रामीणों के दिल में ये ख्वाहिश थी कि आसपास के कस्बों की तरह उनके यहां भी बिजली आए। हालांकि गांव में पहली बार बिजली आई तो पूरे गांव में खुशियों का माहौल हो गया। किसी ने रोशनी के लिए इंतजाम किया तो कोई टीवी लाया है। ग्रामीणों का कहना था कि सभी बहुत खुश हैं। बिजली ना होने के चलते कई परेशानियों का सामना करना पड़ता था लेकिन अब सहूलियतें हों जाएंगी।

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