बैंक फर्जीवाड़े का नया तरीका: जाने माने बैंक की फर्जी ब्रांच चला रहा आरोपी आया पुलिस के हाथ

हाल के महीनों में देश में बैंक से फर्जीवाड़े के मामले काफी बढ़े हैं। बैंक के नाम पर एक और फर्जीवाड़े का मामला सामने आया है। यह मामला उत्तर प्रदेश के बलिया जिले का है। यहां एक शख्स ने देश के एक मशहूर बैंक में खाता खोलने के नाम पर लाखों रुपयों की ठगी कर ली। इस महाठग का नाम आफाक अहमद बतलाया जा रहा है। ‘द टाइम्स ऑफ इंडिया’ में छपी ख़बर के मुताबिक इस शख्स ने बलिया जिले के फेफना इलाके में कर्नाटक बैंक का फर्जी ब्रांच खोल रखा था। आरोपी अहमद खुद को इस बैंक का मैनेजर बतलाता था। इस शख्स ने अपनी पहचान छिपाने के लिए अपना नाम बदलकर विनोद कुमार कांबली रख लिया था। इतना ही नहीं अहमद ने अपने फर्जी नाम से अपना आधार कार्ड और दूसरे पहचान पत्र भी बनवा रखे थे। उसके पहचान पत्र में उसका पता मुंबई वेस्ट दर्ज था।

पुलिस के मुताबिक अहमद ने लोगों को बरगलाकर उनसे अपने फर्जी बैंक में 15 बचत खाते खुलवाए थे। इस दौरान उसने लोगों से करीब 1.37 लाख रुपये भी वसूले थे। पुलिस ने बतलाया कि उसके पास से पासबुक, कम्प्यूटर, लैपटॉप और फॉर्म सहित कई सामान बरामद किये गये हैं। पुलिस को इस फर्जीवाड़े की जानकारी कर्नाटक बैंक के एक बड़े अधिकारी ने ही दी। बैंक के दिल्ली शाखा में पदस्थापित एडिशनल जेनरल मैनेजर बीबीएच उपाध्याय ने बलिया जाकर पुलिस वालों को इस फर्जी बैंक संचालन की जानकारी दी। जानकारी मिलते ही बैंक अधिकारियों और पुलिस बल ने बलिया से संचालित हो रहे इस फर्जी ब्रांच में धावा बोल दिया।

जिस वक्त दलबल के साथ पुलिस यहां पहंची उस वक्त अहमद दफ्तर में अपने पांच अन्य कर्मचारियों के साथ मौजूद था। सभी कर्मचारी अलग-अलग कम्प्यूटर पर काम भी कर रहे थे। पुलिस की मौजूदगी में बैंक मैनेजर उपाध्याय ने अहमद से उसका नियुक्ति पत्र, आरबीआई लाइसेंस और बैंक मुख्यालय से मिलने वाले दूसरे जरुरी कागजात मांगे। जब अहमद तमात दस्तावेज उपलब्ध कराने में नाकामयाब हो गया तो पुलिस ने उसे मौके से ही दबोच लिया। अहमद से पूछताछ में इस बात का भी खुलासा हुआ कि बैंक की यह शाखा एक सेवानिवृत आर्मी  कर्मचारी के घर में किराये पर खोली गई थी। जिसका किराया प्रति महीना 32,000 रुपया था।

छापेमारी के दौरान पता चला कि वहां काम कर रहे अन्य कर्मचारी स्थानीय निवासी हैं जिन्हें 5000रुपये प्रतिमाह की तनख्वाह पर रखा गया था। हालांकि कर्मचारियों का कहना था कि उन्हें इस फर्जीवाड़े की जानकारी नहीं है। जब पुलिस ने वहां से मिले सभी कागजातों की जांच शुरू की तो पता चला कि उसने एक महिने पहले ही यह शाखा खोली थी। उसने मकान मालिक को किराया भी नहीं दिया था। ऑफिस में रखे गए फर्नीचर के पैसे भी नहीं दिये गये थे। इस मामले में आरोपी अहमद को गिरफ्तार करने के बाद उसके खिलाफ धारा 419, 420, 467 और 471 के तहत मामला दर्ज किया गया है। वहीं पुलिस ने फिलहाल इस बैंक में काम कर रहे दूसरे कर्मचारियों का बयान रिकॉर्ड कर लिया है।

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