आईएसआईएस के न‍िशाने पर फीफा व‍िश्‍व कप? दी रूस पर ड्रोन हमले की धमकी, जारी क‍िया वीड‍ियो

खूंखार आतंकी संगठन आईएसआईएस के निशाने पर अब रूस में खेला जा रहा फीफा फुटबॉल विश्वकप है। आतंकी संगठन ने खौफ पैदा करने वाला एक एनीमेटेड वीडियो जारी कर उन स्टेडियम्स को उड़ाने की धमकी दी है जिनमें फुटबॉल विश्वकप के मैच खेले जा रहे हैं। डेलीमेल ऑस्ट्रेलिया की खबर के मुताबिक आईएसआईएस ने ड्रोन हमले कर रूस को दहलाने की धमकी दी है। हालांकि इस मीडिया पोर्टल ने अपनी खबर में यह भी साफ किया है कि उसने आईएसआईएस के धमकी को पूरी तरह से प्रकाशित नहीं करने का फैसला लिया है। अंग्रेजी पोर्टल ने आतंकी संगठन के धमकी भरे वीडियो को पब्लिश नहीं किया है, उसके कुछ स्क्रीनशॉट्स पब्लिश किए हैं जो भयावह लगते हैं। रिपोर्ट के मुताबिक वीडियो में फुटबॉल स्टेडियम्स पर ड्रोन तबाही बरसाते हुए दिखते हैं। वीडियो में एक आवाज सुनाई देती है, जिसमें कहा जा रहा है, ”हम तुम्हें देख रहे हैं, हमारे पास ड्रोन्स हैं, हम जगहों की खोज कर रहे हैं और हम हमला करेंगे।”

रिपोर्ट में कहा गया है कि आईएसआईएस का यह वीडियो कई सोशल मीडिया चैनल्स पर देखा जा रहा। जानकारों के मुताबिक आईएसआईएस की धमकी कपोल-कल्पित है लेकिन फिर भी इसे गंभीरता से लिया जाना चाहिए। आईएसआईएस मामलों के एक जानकार राफेल ग्लक ने बताया कि जाहिर है कि यह इच्छापूर्ण सोच है और इस पर विश्वास होता है लेकिन सरकारें कह रही हैं कि जब तक कि पश्चिम में आतंकवादी हमले करने के लिए कुछ किसी तरह ड्रोन का इस्तेमाल नहीं किया जाता है, यह केवल कयासबाजी है। ऐसा पहली बार नहीं है जब आईएसआईएस आतंकियों ने ड्रोन हमलों से नागरिकों को निशाना बनाने की बात कही हो, पहले भी वह इराकी और सीरियाई सेनाओं पर हमला करने की तकनीक इस्तेमाल कर चुका है। इस हफ्ते एक ब्रिटिश वैज्ञानिक और ड्रोन एक्सपर्ट ने इस तरह के हमले की आशंका जताई थी।

इंग्लैंड के चेल्टनहैम में आयोजित एक साइंस फेस्टिवल में डॉक्टर स्टीफन पहले ही कह चुके हैं कि आईएसआईएस अपनी तरह का पहला ऐसा आतंकी संगठन है जो बड़े सस्ते ड्रोन खरीदता है, उन्हें बदलता है और इराक और सीरिया में बड़े ही विध्वंसकारी प्रभाव से उन्हें इस्तेमाल करता है। उन्होंने कहा था कि आतंकवादी अपने ड्रोन बनाकर उन्हें उड़ाने के लिए एक कोर्स भी कर सकते हैं। ड्रोन का वजन कम से कम 500 ग्राम तक हो सकता है और उन्हें 100 मील प्रति घंटे की रफ्तार से उड़ाया जा सकता है। ड्रोन में जीपीएस ट्रैकिंग सिस्टम बंद किया जा सकता है, ऐसा करने पर उनका पता लगाना मुश्किल होता है। कुछ सरकारों ने ड्रोन का पता लगाने के लिए बाजों को प्रशिक्षित किया है। एक और विकल्प यह है कि उन्हें नाकाम करने के लिए आरआफ ट्रांसमीटर वाली बंदूक इस्तेमाल की जाए। कहा जा रहा है कि फुटबॉल विश्वकप को देखने के लिए अगले महीने तक मोस्को में करीब 10 लाख फैन्स मैजूद होंगे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *