एफआईआर में खुलासा- नवजात को नर्सरी में रखने के लिए मैक्स अस्पताल ने मांगे थे 50 लाख रुपये
दिल्ली स्थित मैक्स अस्पताल के खिलाफ की गई एफआईआर में बड़ा खुलासा हुआ है। जीवित नवजात बच्चे को मृत घोषित करने के मामले में बच्चे के पिता आशीष ने अस्पताल के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी, जिसके आधार पर दिल्ली पुलिस ने जांच करनी भी शुरू कर दी है। एफआईआर में इस बात का खुलासा हुआ है कि मैक्स अस्पताल ने नवजात को नर्सरी में रखने के लिए 50 लाख रुपए मांगे थे। आशीष ने एफआईआर में बताया कि उसकी पत्नी ने मात्र छह माह के गर्भ के बाद ही जुड़वां बच्चों को जन्म दे दिया था, अस्पताल ने दोनों ही बच्चों को मृत घोषित कर दिया था, लेकिन बाद में यह सामने आया कि उनमें से एक बच्चा जीवित था। समय से पहले जन्म लेने के कारण वह कमजोर था, जिसकी वजह से उसे नर्सरी में रखना जरूरी था, ऐसे में अस्पताल ने बच्चे को खतरे से बाहर आते तक के समय के लिए नर्सरी में रखने के लिए उनसे 50 लाख रुपए मांगे थे। इसके अलावा बच्चों के पिता ने एफआईआर में यह भी कहा, ‘पहले तो मैक्स अस्पताल ने मेरे बच्चों को मृत घोषित करके बड़ी गलती की, मेरे बच्चों के इलाज में लापरवाही की। मृत बताते हुए दोनों को पार्सल में पैक करने की तैयारी की।’
टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक संयुक्त आयुक्त (उत्तरी रेंज) डॉ सागर प्रीत हुडा ने बताया, ‘पिता की शिकायत के आधार पर हमने अस्पताल के खिलाफ आईपीसी की धारा 38 के तहत मामला दर्ज कर लिया है। फिलहाल हम सभी जरूरी दस्तावेजों को जमा कर रहे हैं और अस्पताल के रिकॉर्ड भी चेक कर रहे हैं।’ पुलिस के सूत्रों ने इस बात की जानकारी दी है कि इलाज के सभी दस्तावेज मैक्स अस्पताल और अग्रवाल अस्पताल से ले लिए गए हैं। बता दें कि अग्रवाल अस्पताल में जीवित नवजात बच्चे का इलाज किया जा रहा है।
क्या है मामला?
दरअसल छह माह की गर्भवती 20 वर्षीय वर्षा को अट्टम नर्सिंग होम में 27 नवंबर के दिन भर्ती कराया गया, जिसके बाद उसे मैक्स अस्पताल रिफर किया गया, जहां 28 नवंबर को दोपहर में वर्षा को भर्ती कराया गया। 29 नवंबर को अस्पताल द्वारा यह बताया गया कि वर्षा की स्थिति नाजुक है, ऐसे में जल्द से जल्द ऑपरेशन करना होगा। 30 नवंबर की सुबह वर्षा ने पहले बच्चे को जन्म दिया, उसके कुछ मिनट बाद दूसरे बच्चे को जन्म दिया, दूसरा बच्चा मृत पैदा हुआ, लेकिन अस्पताल ने पहले बच्चे को भी मृत घोषित कर दिया और दोनों बच्चों को पॉलिथीन में पैक कर दिया गया। कुछ समय बाद बच्चों के पिता ने पार्सल बैग में हलचल होते देखी और नोटिस किया कि उनका बच्चा जिंदा है। आशीष ने तुरंत ही अपने बच्चे को नजदीक के अग्रवाल अस्पताल में भर्ती कराया। इसके बाद मैक्स अस्पताल के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई।