गुजरात चुनाव नतीजे: राहुल ने नरेंद्र मोदी के लिए खड़ी कीं ये 5 चुनौतियां

गुजरात विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने भाजपा को कड़ी टक्कर दी है। इस बार के चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राहुल गांधी आमने-सामने थे। दोनों नेता अपने-अपने दलों के स्टार प्रचारक थे। दोनों की जनसभाओं में अच्छी-खासी भीड़ जुटी थी। प्रचार अभियान के दौरान कांग्रेस नेता भाजपा सरकार पर लगातार हमला बोलते हुए नीतियों पर सवाल उठाया था। राहुल ने पीएम मोदी के समक्ष पांच प्रमुख चुनौतियां खड़ी की हैं।

आर्थिक नीतियों में सुधार की जरूरत: गुजरात विधानसभा चुनाव को पीएम मोदी की आर्थिक नीतियों पर रायशुमारी के तौर पर देखा जा रहा था। खासकर व्यवसायी वर्ग की नाराजगी पूरी तरह खत्म न होने के संकेत मिले हैं। ऐसे में मोदी और भाजपा को भविष्य में इस तबके को अपने साथ लाना बड़ी चुनौती होगी। इसके लिए मौजूदा आर्थिक नीतियों में सुधार करना पड़ेगा, ताकि व्यवासयी वर्ग को पहले की तरह भाजपा से जोड़ा जा सके। नोटबंदी और जीएसटी से व्यावसायिक वर्ग को परेशानी होने की बात शुरुआत से कही जा रही है।

कांग्रेस, हार्दिक, जिग्नेश और अल्पेश का गठजोड़: इस बार के चुनाव में भाजपा के खिलाफ नया मोर्चा उभर कर सामने आया है। कांग्रेस ने पाटीदार नेता हार्दिक पटेल, दलित नेता जिग्नेश मेवाणी और अल्पेश ठाकोर के साथ गठजोड़ करके सत्तारूढ़ पार्टी के समक्ष नई चुनौती पेश की। ऐसे में भाजपा को नए सिरे से जाति समीकरण को दुरुस्त करना होगा, जिससे सभी वर्गों में उसकी पैठ बनी रह सके।

किसानों के बीच बनानी होगी पैठ: गुजरात में भाजपा दो दशक से भी ज्यादा समय से सत्ता में बनी हुई है। लेकिन, कॉटन बेल्ट में सरकार की नीतियों से नाराजगी दिखी है। ऐसे में पार्टी को किसानों की नाराजगी हर हाल में दूर करना पड़ेगा नहीं तो भविष्य में सत्तारूढ़ दल को इसकी राजनीतिक कीमत चुकानी पड़ सकती है।

ग्रामीण क्षेत्र चिंता का सबब: पीएम मोदी और भाजपा के लिए ग्रामीण क्षेत्र लगातार चिंता का सबब बना हुआ है। इस बार के विधानसभा चुनाव में भी भजापा को ग्रामीण क्षेत्र से अपेक्षा के अनुरूप सीटें नहीं मिली हैं। शहरी क्षेत्र में भाजपा की जड़ें पहले से ही मजबूत हैं, ऐसे में पार्टी नेतृत्व को ग्रामीण क्षेत्र में पार्टी का आधार मजबूत करना होगा।

पीएम मोदी की लोकप्रियता बरकरार: गुजरात विधानसभा चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता एक बार फिर से साबित हुई है। चुनाव प्रचार अभियान में उन्होंने ताबड़तोड़ कई रैलियां की थीं। इसका व्यापक असर पड़ने की बात कही जा रही है। साथ ही भाजपा की एक बार फिर से मोदी पर निर्भरता साबित हुई है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *