सरहद पर चीनी हरकत के बीच जयशंकर पहुंचे भूटान
डोकलाम संकट खत्म होने के महीने भर के भीतर भूटान से लगी सीमा पर दोबारा चीनी सैनिकों का जमावड़ा बढ़ने की खबरों के बीच विदेश सचिव एस जयशंकर ने थिंपू गए हैं। चीन ने डोकलाम ट्राइजंक्शन के पास तीन जगहों पर अपने सैनिकों की संख्या बढ़ाई है। चार दिनों की भूटान यात्रा पर थिंपू पहुंचे विदेश सचिव जयशंकर ने भूटान के राजा जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक, प्रधानमंत्री सेरिंग टोबगे और विदेश मंत्री डेमचो दोरजी के अलावा अपने समकक्ष दाशो सोनम सोंग से मुलाकात की। चीनी सैनिकों का जमावड़ा बढ़ने की खबरें सामने आने पर भारत स्थित संयुक्त राष्ट्र दूत मैरीके एल कार्लसन बुधवार को थिंपू पहुंची। उन्होंने भूटान के प्रधानमंत्री सेरिंग टोबगे के मुलाकात की। जयशंकर और कार्लसन की थिंपू यात्राओं को महत्त्वपूर्ण माना जा रहा है। हालांकि, डोकलाम गतिरोध खत्म होने के एक महीना पूरा होने पर हालात की समीक्षा के मद्देनजर जयशंकर का भूटान दौरा पहले से तय था। भारतीय विदेश मंत्रालय के अधिकारियों के अनुसार, विदेश सचिव ने वहां के शीर्ष नेताओं के साथ द्विपक्षीय और क्षेत्रीय मुद्दों पर चर्चा की। द्विपक्षीय सहयोग को मजबूत करने के लिए व्यापक चर्चा के अलावा दोनों पक्षों ने अपने परस्पर हित के क्षेत्रीय और अन्य मुद्दों पर भी विचार-विमर्श किया।
डोकलाम क्षेत्र- भारत, चीन और भूटान की सीमा पर ट्राइ जंक्शन प्वाइंट है। ऐसी खबरें आई हैं कि चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) ने ट्राइजंक्श
पॉइंट के पास तीन जगहों पर अपने जवानों की तैनाती बढ़ाई है। भारत और चीन के बीच 2012 में सहमति बनी थी कि भारत, चीन और अन्य देशों के साथ ट्राईजंक्शन सीमा विवाद को बातचीत से सुलझाया जाएगा। चीन और भूटान सीमा विवाद को निपटाने के लिए अगले दौर की हो रही बातचीत में चीन की तरफ से देरी करने को लेकर भी भूटान चिंतित है। भूटान और चीन ने अगस्त 2016 में 24वें दौर की बातचीत की थी। 25वें दौर की बातचीत इस साल होनी है, लेकिन चीन ने इसके लिए कार्यक्रम और तारीख तय करने में अब तक दिलचस्पी नहीं दिखाई है।