सौर घोटाला मामले में बरी हुए ओमन चांडी, कहा- पता था, ऐसा ही होगा
सौर घोटाला मामले में सभी आरोपों से बरी कर दिए जाने संबंधित बेंगलुरू की एक अदालत के शनिवार के फैसले पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए केरल के पूर्व मुख्यमंत्री ओमन चांडी ने कहा कि सच्चाई की जीत हुई है। बेंगलुरू के अतिरिक्त नगर सिविल एवं सत्र न्यायालय ने बेंगलुरू स्थित कारोबारी एम.के. कुरुविला द्वारा दाखिल मामले में चांडी के खिलाफ लगाए गए सभी आरोपों को समाप्त रद्द कर दिया। कुरुविला ने दावा किया था कि उन्हें 2011-12 में 1.35 करोड़ रुपये का नुकासान हुआ था, क्योंकि केंद्र और राज्य सरकारों ने दक्षिण कोरिया से सौर प्रौद्योगिकी का आयात करने के लिए उन्हें लाइसेंस देने और सब्सिडी देने का वादा किया था।
कुरुविला ने आरोप लगाया था कि चांडी ने वादा किया था कि हर चीज का ख्याल रखा जाएगा। पिछले वर्ष अदालत ने चांडी और चार अन्य आरोपियों को धोखाधड़ी के मामले में कुरुविला द्वारा मांग की गई धनराशि का भुगतान करने के लिए कहा था। लेकिन चांडी ने इस आधार पर आदेश को चुनौती देते हुए एक नई याचिका दायर की कि फैसले से पहले उनका पक्ष नहीं सुना गया था।
इसके बाद चांडी को जून में अपना पक्ष पेश करने का मौका दिया गया, और शनिवार को अदालत ने उन्हें बरी कर दिया, क्योंकि कुरुविला पूर्व मुख्यमंत्री के खिलाफ अपने आरोपों को साबित नहीं कर पाए। चांडी ने मलप्पुरम जिले के वेंगारा विधानसभा सीट के लिए हो रहे उपचुनाव के लिए प्रचार के दौरान संवाददाताओं कहा कि उन्हें पूरा भरोसा था कि वह बेदाग बरी हो जाएंगे, क्योंकि उन्होंने कुछ गलत नहीं किया था। उन्होंने कहा, “मुझे पूरा भरोसा था कि सच्चाई की जीत होगी और ऐसा ही हुआ। जो लोग मुझ पर उंगली उठा रहे थे, उन्हें अब जान जाएं कि मैंने कुछ गलत नहीं किया है।”
सात करोड़ रुपये के सौर घोटाले से चांडी सरकार (2011-16) उस समय हिल उठी थी, जब जून 2013 में खबर आई कि मुख्यमंत्री कार्यालय के स्टाफ का एक ऐसे दंपति से संपर्क था, जिसने सौर पैनल की आपूर्ति करने के नाम पर कई निवेशवकों से धन लेकर उनके साथ धोखाधड़ी की थी।