दिल्लीवालों की जिद के आगे बेबस तंत्र, करीब चार टन पटाखे बरामद कर 88 लोगों को गिरफ्तार किया गया

दिल्ली पुलिस और पटाखा कारोबारी के बीच शह मात का खेल दिवाली की देर रात तक जारी रहा। सरेआम पटाखे न बेच पाने का मलाल पालकर दिन भर अवसर की बाट जोह रहे कारोबारियों ने शाम होती ही जुगत लगाई और मंसूबों को पूरा करने में जुट गए। लेकिन पुलिस भी चौकन्नी थी। कालकाजी इलाके के गिरी नगर और गोविंदपुरी को जोड़ने वाले मुख्य मार्ग पर जैसे ही पटाखों की बोरी खुली, मुखबीर से मिली खबर पर पुलिस आॅटो से पहुंची और आरोपी को दबोच लिया। दरअसल, यह अकेला मामला नहीं था। दिल्ली में सुप्रीम कोर्ट के इस बाबत आए आदेश के बाद अब तक 88 लोगों को गिरफ्तार कर उनके कब्जे से 37 कुंतल पटाखे जब्त किए गए। इनमें से 50 से ज्यादा मामले केवल दिवाली की रात के हैं। दिल्ली पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने इसकी पुष्टि की और कहा कि अब तक करीब चार टन (3775.727 किलो) पटाखे बरामद कर 88 लोगों को दबोचा गया।

दरअसल, सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद पटाखों के थोक व्यापारियों की दुकानों पर सील जड़ी जा चुकी थी। लेकिन पटाखे के व्यवसाय से जुड़े लोगों ने जुगाड़ के जरिए अपनी मंशा साधने में अंतिम क्षण तक लगे रहे। कई जगह वे सफल भी हुए। यही वजह है कि स्कूलों के सैकड़ों बच्चों की हरित दिवाली मनाने का संकल्प अधूरा रहा। दूसरी ओर, सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के मर्म को दिल्लीवालों ने नहीं सुना। पटाखे खूब चले। खूब जले। चौंकाने वाला तथ्य यह भी रहा कि जैसे-जैसे रात गहरी होती गई, आतिशबाजी बढ़ती गई। यहां यह दिगर सवाल है कि पटाखे आए कहां से? पुलिस की कार्रवाई से जो आकड़े मिले उससे तस्वीर साफ हो जाती है।

आंकड़ों के हवाले से दिल्ली पुलिस के अफसर बताते हैं कि सबसे ज्यादा मामले रोहिणी और उत्तरी पश्चिमी जिला में दर्ज किए गए हैं। यहां 27 व्यवसासियों को गिरफ्तार किया गया। अकेले रोहिणी जिले से 10 कुतंल पटाखे जब्त किए गए। इसके अलावा शाहदरा में 4 कुतंल, उत्तर-पूर्वी जिले में पौने तार कुंतल, दक्षिण-पश्चिमी और उत्तर-पश्चिमी जिले में साढेÞ चार-चार कुतंल और उत्तरी जिला में करीब चार कुंतल पटाखे जब्त हुए हैं। विभिन्न जगहों पर हुई छापेमारी में 100 से ज्यादा लोगों को हिरासत में लिया गया था। पुलिस उपायुक्त और प्रवक्ता मधुर वर्मा ने पुलिस की कार्रवाई का पुष्टि की और कहा कि इसे देखने के लिए जिले स्तर पर एक-एक टीम बनाई गई है। एक अन्य पुलिस अधिकारी ने कहा कि सभी थाने के एसएचओ को सुप्रीम कोर्ट के निर्देश को अमल में लाने के विशेष निर्देश दिए गए थे। पुलिस आयुक्त अमूल्य पटनायक ने 13 पुलिस उपायुक्तों को निर्देश दिया था कि अपने इलाके में वे पटाखों की बिक्री पर रोक को सुनिश्चित करें। इसके बाद स्थिति पर निगरानी रखने के लिए जिलों में विशेष दल गठित किए गए।

दिल्ली में बढ़ा प्रदूषण : ग्रीनपीस

ग्रीनपीस ने केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के 18,19 और 20 अक्तूबर के आकंड़ों का विश्लेषण किया। 20 अक्तूबर की सुबह 1:00 बजे से 3:00 बजे तक वायु गुणवत्ता में भारी गिरावट दर्ज की गई, ज्यादातर निगरानी स्टेशन पर 1,000 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर पीएम 2.5 दर्ज की गई। वैसे 2016 के 18 और 20 अक्तूबर से तुलना करें तो सामान्य प्रदूषण स्तर पिछले साल की तरह ही है लेकिन पटाखों की वजह से उसमें दीपावली की रात इजाफा दर्ज किया गया। जब पिछले साल 18 और 20 अक्तूबर 2016 के आंकड़ों से तुलना की गई तो पाया गया कि उसमें भी बहुत सामान्य अंतर है। पिछले साल इन दो दिनों में पीएम 2.5 औसत 150 से 165 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर था, वहीं इस साल यह 154 से 181 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर रहा। ग्रीनपीस के सुनील दहिया के अनुसार आंकड़े बताते हैं कि पिछले साल की तुलना में इस साल दिवाली में पीएम 2.5 कम रहा।

 

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