डॉक्टर पत्नी का मर्डर करने क्लीनिक पंहुचे कई राज्यों के वॉन्टेड आरोपी को पुलिस ने तमंचे संग दबोचा
दिल्ली, महाराष्ट्र और गोवा में धोखाधड़ी के कई मामलों में वॉन्टेड चल रहे एक आरोपी को पुलिस ने उस वक्त दबोच लिया जब वह अपनी डॉक्टर पत्नी की हत्या करने के लिए दिल्ली स्थित क्लीनिक में पहुंचा। पुलिस ने शुक्रवार (18 मई) को मुठभेड़ में आरोपी को तमंचे संग गिरफ्तार कर लिया। पुलिस के मुताबिक आरोपी ‘फैनटास्टिक फोर’ नाम की गैंग का सरगना है। आरोपी का नाम मनीष कौल उर्फ वरुण कौल है, लेकिन वह आशुतोष मारवा, विशेष धीमन और संजीव चड्ढा नाम की फर्जी पहचानों से भी रह रहा था। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक दिल्ली पश्चिम के पुलिस उपायुक्त विजय कुमार ने बताया कि शहर के मानसरोवर गार्डन में आरोपी की पत्नी एक डेंटल क्लीनिक चलाती है। महिला ने पति के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी। पत्नी के द्वारा शिकायत किए जाने के बाद आरोपी कौल तिलमिला उठा और उसकी हत्या करने के इरादे से क्लीनिक में पहुंच गया।
पुलिस के मुताबिक आरोपी की पत्नी ने मार्च में दिल्ली के मोती नगर पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई थी कि उसके पति ने शादी के वक्त उससे अपनी शैक्षिक योग्यता के बारे में झूठ बोला था। पुलिस में दर्ज शिकायत के मुताबिक महिला की शादी 2015 में हुई थी। आरोपी से उसकी मुलाकात एक मेट्रीमोनियल वेबसाइट के जरिये हुई थी, जिसमें उसने खुद को एक एमबीबीएस डॉक्टर बताया था। महिला डॉक्टर ने अपने ससुरालवालों के खिलाफ भी आरोप लगाए थे। महिला ने शिकायत में बताया था कि ससुरालवाले दहेज की मांग कर उसे परेशान कर रहे थे। महिला डॉक्टर ने बताया था कि शादी के वक्त उसके पिता ने ससुरालवालों को 20 लाख रुपये की कीमत के सोने के आभूषण बतौर दहेज दिए थे और करीब 50 लाख रुपये शादी में खर्च किए थे। महिला डॉक्टर ने यह भी आरोप लगाया कि उसके ससुर ने भी उससे झूठ बोला था कि वह भारतीय वायु सेना का एक रिटायर्ड अधिकारी है और दो बार उसके साथ छेड़खानी भी की।
महिला डॉक्टर ने दावा किया था कि आखिरकार उसे उसके पति का असल नाम, जोकि वरुण कॉल है, पता चला और यह भी कि उसके खिलाफ धोखाधड़ी के कई मामले दर्ज हैं। पुलिस के मुताबिक शुक्रवार को पत्नी को क्लीनिक में न पाकर कौल ने एक तमंचा दिखाकर एक सहयोगी तो धमकाया था, जैसे ही पुलिस मौके पर पहुंची तो आरोपी ने एक पुलिसकर्मी पर गोली चला दी, लेकिन गोली तमंचे में ही अटक गई, इस पर पुलिवालों ने उसे मौके पर ही दबोच लिया। पुलिस ने जांच में पाया कि 2008 में धोखाधड़ी के कई मामलो में मुंबई पुलिस ने कौल और उसके पिता को गिरफ्तार किया था।