FRDI Bill: लोगों का डर दूर करने में जुटी सरकार, कहा- बैंकों में जमा पैसा रहेगा बिलकुल सुरक्षित

केंद्र सरकार बैंकों में जमा लोगों के पैसे की हिफाजत के पुख्ता इंतजाम करने में लगी है। इसके लिए सरकार फाइनैंशियल रिजॉल्यूशन ऐंड डिपॉजिट इंश्योरेंस बिल (FRDI) लाने की तैयारी में है। अभी विशेषज्ञ मानते हैं कि बैंकों में जमा पैसे पर संभावित खतरा है। वित्त मंत्री  ने एफआरडीआई बिल के प्रावधानों से जुड़ा डर दूर करने की कोशिश भी की। जेटली ने कहा कि सरकारी बैंकों में 2.11 लाख करोड़ रुपये लगाने के सरकार के प्लान से ये बैंक मजबूत होंगे और किसी भी बैंक के फेल होने का सवाल ही पैदा नहीं होता। यदि ऐसी कोई स्थिति पैदा होती है, तो सरकार ग्राहकों द्वारा जमा किए गए पैसे की पूरी तरह से रक्षा करेगी। सरकार इसके बारे में बहुत स्पष्ट है। एफआरडीआई बिल 2017 को अगस्त में लोकसभा में पेश किया गया था और उसे बाद में संसद की ज्वाइंट कमेटी के पास भेज दिया गया था। जेटली ने कहा, ‘कमेटी की जो भी सिफारिश होगी, सरकार उस पर विचार करेगी।’

मिनिस्ट्री के बयान के मुताबिक, जेटली ने कहा, ‘खर्च को तर्कसंगत बनाकर, सरकारी खर्च में लूपहोल्स को डायरेक्ट बेनेफिट ट्रांसफर और पब्लिक फाइनैंशल मैनेजमेंट सिस्टम के जरिए दूर करने और रिवेन्यू बढ़ाने के नए कदमों के जरिए हमने फिस्कल टारगेट्स हासिल किए हैं।’ एफआरडीआई बिल के बारे में जेटली ने कहा कि इस ड्राफ्ट लॉ के प्रावधानों के बारे में अफवाहें फैलाई जा रही हैं।

इस बिल का मकसद एक फ्रेमवर्क बनाना है, जिसके जरिए बैंकों, इंश्योरेंस कंपनियों, नॉन-बैंकिंग फाइनैंशल कंपनियों और स्टॉक एक्सचेंजों जैसे फाइनैंशल इंस्टिट्यूशंस की इनसॉल्वेंसी की किसी भी स्थिति में निगरानी की जा सकेगी। ड्राफ्ट लॉ में बेल-इन क्लॉज की कुछ हलकों में आलोचना हुई है। इस बिल में एक रिजॉल्यूशन कॉर्पोरेशन बनाने का प्रस्ताव किया गया है, जो प्रक्रिया पर नजर रखेगा और ‘लायबिलिटीज को राइट डाउन’ करते हुए बैंकों को दिवालिया होने से बचाएगा।

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