जिस होटल से लीक हुआ हार्दिक पटेल का फुटेज, भाजपाई है उसका मालिक, कॉल गर्ल रैकेट में भी आ चुका है नाम!
कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी और पाटीदार आरक्षण आंदोलन के नेता हार्दिक पटेल के साफ मना करने के बावजूद सीसीटीवी फुटेज के आधार पर मीडिया अब भी दोनों के बीच मुलाकात की खबरें चला रहा है। अपनी ताजा रिपोर्ट में अहमदाबाद मिरर ने दावा किया है कि कथित सीसीटीवी फुटेज में जिस होटल में हार्दिक पटेल दिखे हैं वो बीजेपी नेता का है। मिरर की रिपोर्ट के अनुसार होटल के मालिक उम्मेद सिंह चंपावत का नाम अतीत में कॉल गर्ल रैकेट से भी जोड़ा जा चुका है। चंपावत लम्बे समय तक कांग्रेस में भी रहे हैं। गुजरात में नौ दिसंबर और 14 दिसंबर को विधान सभा चुनाव के लिए मतदान होना है। नतीजे 18 दिसंबर को आएंगे।
अहमदाबाद मिरर के अनुसार जिस होटल में हार्दिक पटेल को देखने का दावा किया जा रहा है वो अहमदाबाद का एयरपोर्ट सर्किल होटल है। इस पंच-सितारा होटल पर हार्दिक पटेल ने जानबूझकर कुत्सित मंशा से सीसीटीवी फुटेज लीक करने का आरोप लगाया है। हार्दिक पटेल ने राहुल गांधी से मुलाकात से इनकार किया था। हार्दिक ने ट्वीट करके कहा था कि जब वो राहुल से मिलेंगे तो खुलकर सभी को बताएंगे। हालांकि हार्दिक ने माना कि उन्होंने होटल में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अशोक गहलोत से मुलाकात की थी। राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत कांग्रेस के गुजरात प्रभारी हैं।
अशोक गहलोत ने आरोप लगाया था कि आईबी और गुजरात पुलिस ने होटल प्रबंधन से सीसीटीवी फुटेज जब्त कर लिया है। होटल के प्रबंधक ने भी बताया कि पुलिस ने उनसे फुटेज मांगा था जो दे दिया गया। अशोक गहलोत ने होटल के सीसीटीवी फुटेज जब्त करने के लिए केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार और राज्य की विजय रूपानी सरकार को कठघरे में खड़ा किया। हालांकि बीजेपी ने इसमें किसी तरह की भूमिका से इनकार किया। सीसीटीवी फुटेज के मीडिया में लीक होने से सोशल मीडिया पर सवाल खड़े किए जा रहे हैं।
मुंबई मिरर की रिपोर्ट के अनुसार होटल के मालिक उम्मेद सिंह चंपावत फरवरी 2014 में 30 अन्य स्थानीय नेताओं के साथ बीजेपी में शामिल हुए थे। चंपावत एवं अन्य ने उस समय “नरेंद्र मोदी के प्रति सम्मान और स्नेह” को बीजेपी में शामिल होने की वजह बताया था। बीजेपी में शामिल होने से पहले करीब डेढ़ दशक तक चंपावत कांग्रेस में रहे थे। वो कांग्रेस के टिकट पर नरेंद्र मोदी और अमित शाह के खिलाफ विधान सभा चुनाव भी लड़ चुके हैं। चंपावद बीजेपी के दिवंगत नेता भैरो सिंह शेखावत के खिलाफ भी विधान सभा चुनाव लड़ चुके हैं। फरवरी 2003 में चंपावत तब विवादों से घिर गए जब गुजरात के तत्कालीन गृह मंत्री अमित शाह ने एक प्रेस वार्ता में आरोप लगाया कि गुजरात में चुनाव प्रचार के लिए आए पंजाब की तत्कालीन सरकार के तीन मंत्रियों उनके होटल में रुके थे और कॉल गर्ल की सेवाएं ली थीं। चंपावत के खिलाफ पुलिस में देह व्यापार रैकेट चलाने का मामला दर्ज किया गया था।
अहमदाबाद मिरर के अनुसार चंपावत के खिलाफ देह व्यापार रैकेट की जांच करने वाली पुलिस टीम में ऐसे अफसर भी थे जो इशरत जहाँ फर्जी मुठभेड़ मामले में आरोपी थे। इस जांच टीम ें शामिल तरुण बरोट को इशरत जहाँ फर्जी मुठभेड़ मामले में करीब तीन साल न्यायिक हिरासत में रहे थे। बाद में बरोट रिटायर हो गये तो गुजरात सरकार ने उनकी सेवा की जरूरत बताते हुए नौकरी पर रख लिया। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने उनकी नियुक्ति पर गुजरात की बीजेपी सरकार को फटकार लगाते हुए नियुक्ति रद्द कर दी। बरोट के बाद देह व्यापार रैकेट की जांच वरिष्ठ आईपीएस पीपी पाण्डेय कि निगरानी में होने लगी। पाण्डेय भी इशरत जहाँ मामले में गिरफ्तार हुए थे। देह व्यापार मामले की पूरी जाँच क्राइम ब्रांच के तत्कालीन प्रमुख डीजी वंजारा के मातहत हो रही थी। वंजारा साल 2007 से 2015 तक विभिन्न फर्जी मुठभेड़ों में आरोपी होने की वजह से जेल में रह चुके हैं।
जब देह व्यापार का मामला दर्ज किया गया तो चंपावत कांग्रेस नेता थे। उन्होंने हाई कोर्ट में अर्जी दी थी कि उन्हें राजनीतिक वजहों से परेशान किया जा रहा है। चंपावत ने हाई कोर्ट को बताया कि वो युवा कांग्रेस के राष्ट्रीय ज्वाइंट सेक्रेटरी रहे हैं और राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सेक्रेटरी रहे हैं। अदालत ने उनके खिलाफ दायर मामले को रद्द करने का आदेश दिया था। आज भले ही चंपावत बीजेपी में हों लेकिन कांग्रेस नेताओं से भी उनके संबंध अच्छे हैं। हालिया राज्य सभा चुनाव के दौरान कांग्रेस नेता अहमद पटेल उन्हीं के होटल में रुके थे।