विश्व हिंदू परिषद की बैठक के लिए दो दिन तक राजघाट को रखा बंद, कई गांधीवादी प्रतिष्ठानों का आरोप
मीडीया से प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार गांधी शांति प्रतिष्ठान, गांधी स्मारक निधि समेत कई गांधीवादी प्रतिष्ठानों ने केंद्र सरकार पर दो दिन तक राजधानी दिल्ली स्थित ‘राजघाट’ को बंद रखने का आरोप लगाया है। शुक्रवार (29 जून) को गांधीवादियों ने ‘राजघाट’ के बाहर केंद्र सरकार के खिलाफ प्रदर्शन भी किया।
क्यों नाराज हैं गांधीवादी? ‘द टेलीग्राफ’ से बातचीत करते हुए गांधी पीस फाउंडेशन के अध्यक्ष कुमार प्रशांत ने बतलाया कि जब 24 जून को उन्होंने राजघाट अथॉरिटी से जुड़े कर्मचारियों से संपर्क किया तो उनका कहना था कि सुरक्षा के मद्देनजर राजघाट को बंद रखा गया है। लेकिन फाउंडेशन की तरफ से आरोप लगाया गया है कि दरअसल 24 और 25 जून को राजघाट के ठीक सामने स्थित गांधी स्मृति व दर्शन समिति परिसर में विश्व हिंदू परिषद की बैठक चल रही थी इसलिए राजघाट पर ताला जड़ दिया गया।
राजघाट समाधि कमेटी ने दी सफाई: इधर राजघाट समाधि कमेटी के सचिव विनोद कुमार ने इन आरोपों पर सफाई देते हुए कहा है कि दिल्ली पुलिस एवं अन्य सुरक्षा एजेंसियों द्वारा सुरक्षा को लेकर दिये गये चेतावनी को देखते हुए राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के समाधि स्थल को आम जनता के लिए बंद रखा गया था। उनका कहना है कि 2015 में जब यूएस प्रेसीडेंट बराक ओबामा यहां आए थे तो उस वक्त भी सुरक्षा के लिहाज से राष्ट्रपति के दौरे से एक दिन पहले पूरे दिन के लिए राजघाट को आम जनता के लिए बंद कर दिया गया था।
उसी तरह इस बार भी सेशेल्स के राष्ट्रपति डैनी फोरे 25 जून को राजघाट पहुंचे थे लिहाजा 24 और 25 जून को आम जनता के लिए इसे बंद कर दिया गया था। हालांकि 25 तारीख को सेशेल्स के राष्ट्रपति का दौरा खत्म होने के बाद सुबह 10 बजे से राजघाट को फिर से आम जनता के लिए खोल दिया गया था। कमेटी की तरफ से साफ किया गया है कि 24-25 जून को राजघाट के बंद होने का कनेक्शन गांधी दर्शन परिसर में वीएचपी की बैठक से नहीं है।
आपको बता दें कि राजघाट और गांधी दर्शन का गठन राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के देहांत के बाद साल 1969 में किया गया था। उस समय यह एक निजी संस्था निधि के जरिए संचालित किया जाता था। अब केंद्र सरकार के संस्कृति मंत्रालय द्वारा स्वपोषित गांधी स्मृति और दर्शन स्मृति के जरिए गांधी दर्शन का संचालन किया जाता है। इसने अपना ऑडिटोरियम वीएचपी को किराये पर दिया है।