खतरा! मलबे से बदली गंगा की दिशा, तबाह हो सकता है गोमुख

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी से लोक सभा चुनाव लड़ने के दौरान खुद को गंगा माँ का गोद लिया हुआ बेटा बताया था। मोदी सरकार अक्सर गंगा को प्रदूषण मुक्त बनाने को अपनी प्राथमिकता बताती रही है। लेकिन एक ताजा रिपोर्ट में गंगा के प्रदूषण का जो हाल बताया गया है उससे किसी के भी रोंगटे सिहर सकते हैं। इस रिपोर्ट के अनुसार प्रदूषण के कारण गंगा के उद्गम स्थल गोमुख को गंभीर खतरा पहुंच सकता है। समुद्र तल से 13,200 फीट ऊंचाई पर स्थित गोमुख से ही भागीरथी नदी निकलती है। वैज्ञानिकों ने पाया है कि गोमुख से निकलने वादी नदी की धारा की दिशा बदल रही है। गोमुख एक हिमनद (ग्लेशियर) है और पहले इससे सीधे-सीधे भागीरथी निकलती थीं लेकिन अब इसके बाएं तरफ से निकल रही हैं। टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार गोमुख में एक झील बन गयी है जिसकी वजह से ये परिवर्तन आया है।

अहमदाबाद स्थित फीजिकल रिसर्च लैब्रोटरी (पीएएल) के वरिष्ठ वैज्ञानिक नवीन जुयाल ने टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया कि इस झील के कारण गंगा लगातार बदली हुई दिशा में बह रही हैं और इसका अंतिम परिणाम गोमुख के नष्ट होने के रूप में हो सकता है। वैज्ञानिकों के अनुसार गोमुख से निकलने वाली एक धारा भारी बारिश के कारण संभवतः अवरुद्ध हो गयी है। वहीं गोमुख में मौजूद भारी कचरे के धारा के प्रवाह में बहने का भी खतरा है। वैज्ञानिकों को आशंका है कि अगर हिमनद इसी तरह पिघलता रहा और पानी का बहाव जारी रहा तो गोमुख को खत्म हो सकता है। नवीन उन 61 वैज्ञानिकों की टीम में शामिल थे जिन्होंने 11 अक्टूबर से 14 अक्टूबर तक इस इलाके का मुआयना किया था।

नवीन जुयाल ने टीओआई को बताया कि हिमनद स्थायी नहीं होते और उनमें भ्रंश होते रहते हैं। हिमनद में बर्फ से ढंके क्षेत्र के अंदर भी गति होती रहती है जिससे वो आगे की तरफ बढ़ता है। बर्फबारी कम होने से हिमनद पिघलने लगते हैं। हिमालय में सैलानियों के छोड़े कचड़े और अन्य प्रकार के मलबे पिछले कुछ समय से पर्यावरणविदों के लिए चिंता का विषय रहे हैं। पीएम मोदी ने हाल ही में हिमालय पर सैलानियों के छोड़े कचरे को हटाने का जिम्मा भारतीय सेना को दिया। हालांकि सोशल मीडिया पर इसकी काफी आलोचना हुई थी।

 

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