चलती कार में महिला के तीन साल के बेटे को कार से फेंक कर किया महिला से सामूहिक दुष्कर्म
पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में चलती कार में महिला से सामूहिक दुष्कर्म का मामला सामने आया है। आरोपियों ने महिला के तीन साल के बेटे को कार से फेंक दिया था। ग्रामीणों ने आनन-फानन में मासूम को अस्पताल में भर्ती कराया था। बच्चे की हालत खतरे से बाहर बताया गया है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, यह घटना सोमवार (7 मई) शाम की है। पुलिस ने बताया कि आरोपियों ने पीड़िता के साथ दिल्ली-देहरादून नेशनल हाइवे पर गैंगरेप किया था। पुलिस अधीक्षक ओमबीर सिंह ने मंगलवार (8 मई) को बताया कि आरोपियों ने बाद में महिला को भी चापर इलाके में नेशनल हाइवे पर कार से बाहर फेंक दिया था। पीड़िता अचेत हो गई थी, होश में आने के बाद महिला ने पुलिस में मामले की शिकायत दी। एसपी ने बताया कि आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है। बाद में महिला का मेडिकल टेस्ट कराया गया। पीड़िता ने बताया कि आरके. मेहता नामक व्यक्ति ने नौकरी का झांसा देकर बुलाया था। वह जब पहुंची तो वहां पहले से ही एक और व्यक्ति मौजूद था। दोनों ने चलती कार में उनके साथ बलात्कार किया था।
उन्नाव और कठुआ गैंगरेप के बाद महिलाओं के खिलाफ अपराध के बढ़ते मामलों को लेकर पहले से ही सवाल उठाए जा रहे हैं। उन्नाव में युवती ने उत्तर प्रदेश में सत्तारूढ़ भाजपा के विधायक कुलदीप सिंह सेंगर पर दुष्कर्म का आरोप लगाया था। शुरुआत में पुलिस की ओर से कार्रवाई में शिथिलता बरती गई थी। लेकिन, विवाद के ज्यादा बढ़ने पर मामले की जांच सीबीआई के हवाले कर दिया गया। इस बीच, पीड़िता के पिता की जेल में मौत हो गई थी। उनके साथ मारपीट की बात सामने आई थी। कठुआ में एक आठ साल की मासूम से बलात्कार के मुद्दे ने जोर पकड़ लिया था। जम्मू में वकीलों ने चार्जशीट दाखिल करने जा रहे पुलिसकर्मियों को कथित तौर पर रोकने की भी कोशिश की थी। इसको लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई थी। शीर्ष अदालत ने मामले को पठानकोट ट्रांसफर कर दिया है। याची ने जम्मू में निष्पक्ष सुनवाई पर संदेह व्यक्त किया था। वहीं, बचाव पक्ष शुरुआत से ही मामले की जांच सीबीआई से कराने की मांग कर रहा था। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने इस मांग को ठुकरा दिया था।