ऑडी की लाखों कारों में गड़बड़ सॉफ्टवेयर लगाने के आरोप में गिरफ्तार हुए कंपनी के चीफ एग्जीक्यूटिव
डीजल एमीशन स्कैंडल में जर्मनी ने बड़ी कार्रवाई की है। दुनिया की बड़ी ऑटोमोबाइल कंपनियों में से एक फॉक्सवैगन के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की है। ऑडी के सीईओ रुपर्ट स्टैडलर को गिरफ्तार कर लिया गया है। जांच अधिकारियों ने बताया कि स्टैडलर द्वारा तथ्यों और सबूतों को नष्ट करने की आशंका के बाद उन्हें गिरफ्तार किया गया। यह मामला तीन साल पहले सामने आया था। कार निर्माता कंपनी पर एमीशन टेस्ट (प्रदूषण जांच) से बचने के लिए कारों में नया उपकरण लगाने का आरोप लगाया गया था। ‘बीबीसी’ के अनुसार, यह उपकरण सबसे पहले फॉक्सवैगन कारों में पया गया था, लेकिन बाद में सब्सिडियरी ऑडी में भी इस डिवाइस के होने की बात सामने आई थी। ऑडी ने पिछले महीने ए-6 और ए-7 मॉडल की 60,000 डीजल कारों में भी इसी तरह की दिक्कत होने की बात स्वीकार की थी। इनके एमीशन संबंधी सॉफ्टवेयर में गड़बड़ी पाई गई थी। बता दें कि इस एमीशन स्कैंडल के सामने आने के बाद ऑडी को पिछले साल 8.50 लाख कारों को बाजार से वापस लेना पड़ा था। म्यूनिख में जांच अधिकारियों ने बताया कि स्टैडलर को वकीलों से विचार-विमर्श करने का वक्त दिया जाएगा। इसके बाद बुधवार (20 जून) को उनसे पूछताछ की जा सकती है।
सितंबर 2015 में सामने आया था डीजलगेट: डीजलगेट या एमीशन स्कैंडल सबसे पहले आज से तकरीबन तीन साल पहले सितंबर 2015 में सामने आया था। फॅक्सवैगन ने स्वीकार किया था कि अमेरिका में बेची गई 60,000 कारों में गलत उपकरण लगाने की बात स्वीकार की थी। कंपनी ने माना था कि एमीशन टेस्ट में धोखाधड़ी करने की नीयत से नए डिवाइस लगाए गए थे। कंपनी ने एक बयान जारी कर बताया था कि कुल 1.10 लाख डीजल कारों में नया सॉफ्टवेयर इंस्टॉल किया गया था। बता दें कि इस उपकरण की मदद से कार से होने वाले उत्सर्जन के बारे में जानकारी हासिल की जा सकती है। इस सूचना के जरिये संबंधित कार मालिक समय पर एमीशन टेस्ट कराते हुए उत्सर्जन की मात्रा को निर्धारित मानक के अनुरूप कर सकते हैं। ऑडी के सीईओ स्टैडलर पर इसी सॉफ्टवेयर से छेड़छाड़ करने का आरोप लगाया गया है।