जर्मनी में पुलिस और प्रदर्शनकारियों में हिंसा, 12 पुलिस वाले और 2 प्रदर्शनकारी घायल
जर्मनी के डसेलडोर्फ शहर में तुर्की के राष्ट्रपति रसेप तय्यिप एर्डोगन के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे कुर्द प्रदर्शनकारियों के बीच संघर्ष हो गया। प्रदर्शनकारी कुर्दिस्तान श्रमिक पार्टी (पीकेके) के नेता अब्दुल्ला ओकलान के बानरों के साथ प्रदर्शन कर रहे थे। हिंसा तब भड़की जब पुलिस ने प्रदर्शनकारियों से अब्दुल्ला के बैनर नहीं नीचे करने की चेतावनी दी। जब इस चेतावनी को प्रदर्शनकारियों ने अनसुना किया तब पुलिस अवैध बैनरों को हटाने और मार्च रोकने के लिए आगे बढ़ी। इस हिंसा में 12 पुलिस अधिकारी घायल हो गए। पुलिस ने पैपर स्प्रे का इस्तेमाल किया और 9 लोगों को हिरासत में लिया। दो प्रदर्शनकारियों घायल हो गए थे।
शहर के बीचोंबीच से शुरू हुए इस मार्च में करीब 6,000 लोगों आए थे। दरअसल यह अब्दुल्ला पुलिस की कैद में है। लोग अब्दुल्ला की रिहाई की मांग कर रहे हैं। अब्दुल्ला के समर्थन में यह लोग आए थे।प्रदर्शनकारियों के पास फ्रीडम फॉर ओकलान लिखे हुए बैनर भी थे। पीकेके, जिसने तुर्की के खिलाफ तीन दशक से ज्यादा समय तक विद्रोह किया है, को तुर्की और यूरोपीय संघ द्वारा एक आतंकवादी संगठन माना जाता है। जर्मनी ओकलान के झंडे और पीकेके के प्रतीकों के प्रति उदार था लेकिन इस साल अधिकारियों ने बैन किए गए प्रतीकों की लिस्ट को बढ़ाया है।
कुर्दी रैली में झंडे दर्जनों प्रतीकों के साथ आए थे, जो कानून को भ्रमित और असमान बनाते हैं। जैसा की पीकेके के प्रतीकों पर प्रतिबंध बढ़ता जा रहा है, कुर्द अक्सर सीरियाई कुर्द पार्टियों के प्रतीक का उपयोग कर रहे हैं। यह पार्टियां भी ओकलान की विचारधारा और पीपुल्स प्रोटेक्शन यूनिट्स (वाईपीजी) को फॉलो करती हैं। वाईपीजी एक कुर्द मिलिशिया है जिसे इस्लामिक स्टेट से लड़ने के लिए संयुक्त राज्य का समर्थन प्राप्त है और इसे आंतकी संगठन की तरह नहीं देखा जाता है।