बर्थडे पर केक काटने की परंपरा पर भड़के गिरिराज सिंह, बोले- मंदिरों में जाएं

केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह अपने देश में केक काटने की परंपरा पर भड़के हैं। उन्होंने कहा है कि हिंदुओं को जन्मदिन पर केक काटना बंद कर देना चाहिए। उन्हें इसके बजाय मंदिर में जाकर पूजा करनी चाहिए। सूक्ष्म, छोटे और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) मामलों के राज्य मंत्री ने यह भी कहा कि भारतीय संस्कृति ग्रामीण इलाकों में तेजी से खत्म हो रही है और यह चिंता का विषय है। सोमवार को वह बिहार के औरंगाबाद जिले में थे। यहां एक धार्मिक कार्यक्रम में उन्होंने कहा, “मैं आप सबसे यह शपथ लेने का अनुरोध करता हूं कि जन्मदिन मनाने के लिए केक केक काटने के बजाय आप मंदिर में जाकर पूजा करें। भारतीय संस्कृति में केक काटने की कोई परंपरा नहीं है। यह खेदजनक है कि हम पश्चिमी संस्कृति की ओर बढ़ रहे हैं। जबकि तथ्य यह है कि हमारी संस्कृति अपने आप में मजबूत है और पुरानी है।”

उन्होंने आगे बताया, “इन दिनों बच्चे अपनी मां को मां या मइया कहने के बजाय मम्मी कहने लगे हैं और पिता को बाबू जी और पिता जी कहने के बजाय पापा कहते हैं। मइया और बाबू जी जैसे शब्दों का भावनात्मक संबंध होता है।”

सिंह का मानना है कि सनातन धर्म संस्कृति बचाने में होने वाली लापरवाही के कारण हमारा प्राचीन धर्म गिरावट की ओर बढ़ रहा है। उन्होंने कहा, “सभी हिंदुओं को अपने धर्म को बचाने के लिए एकजुट हो जाना चाहिए। जब तक हम एकजुट नहीं होंगे, तब तक धर्म को नहीं बचाया जा सकेगा।”

केंद्रीय मंत्री का यह भी मानना है कि भारत में मुस्लिम अल्पसंख्यक नहीं रहे हैं, लिहाजा उन्होंने वह इस श्रेणी में नहीं रखा जाना चाहिए। भारत में तकरीबन 21 करोड़ की मुस्लिम आबादी है। ऐसे में इस बड़ी को आबादी को अल्पसंख्यक मानना उचित नहीं है। उनके मुताबिक देश में इस मसले पर चर्चा होनी चाहिए।

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