ठुमरी की सिद्ध गायिका गिरिजा देवी नहीं रहीं, 88 वर्ष में हुआ निधन

ठुमरी की महारानी और बनारसी रंग की बेमिसाल शास्त्रीय गायिका गिरिजा देवी नहीं रहीं। घरानेदार आवाज का पर्याय रहीं गिरिजा देवी का निधन मंगलवार रात यहां के अस्पताल में हुआ। वे 88 वर्ष की थीं। उनके निधन पर संगीत जगत स्तब्ध रह गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने उनके निधन पर शोक संवेदना जताईहै। शास्त्रीय और उप-शास्त्रीय संगीत में सिद्ध गिरिजा देवी की गायकी में सेनिया और बनारस घराने की अदायगी का खास माधुर्य था। वे ध्रुपद, खयाल, टप्पा, तराना, सदरा और पारंपरिक लोक संगीत की अनुपम गायिका थीं। होरी, चैती, कजरी, झूला, दादरा और भजन में उनकी आवाज नए रंग और रस लेकर आती थी। उन्होंने ठुमरी के साहित्य का गहन अध्ययन और अनुसंधान भी किया। इसीलिए उन्हें ठुमरी की महारानी के नाम से भी शोहरत मिली

गिरिजा देवी का जन्म 8 मई, 1929 को वाराणसी में हुआ था। गायकी के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए उन्हें वर्ष 1972 में पद्मश्री, वर्ष 1989 में पद्मभूषण और वर्ष 2016 में पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया। गिरिजा देवी को संगीत नाटक अकादमी द्वारा भी सम्मानित किया गया था। कोलकाता से मिली खबर के अनुसार, उनका निधन बिड़ला अस्पताल में रात करीब साढ़े नौ बजे हुआ। सुबह इनकी नतनी अनन्या दत्ता ने तबीयत बिगड़ने पर अस्पताल में भर्ती कराया था। बकौल अनन्या, सुबह नानी ने खूब बात की थी। फिर थोड़ी तबीयत खराब होने की बात कही तो हम सब उन्हें चेकअप के लिए अस्पताल ले आए। नानी रात करीब साढ़े नौ बजे हम सबका साथ छोड़कर चली गईं।

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