फेसबुक पर सरकार के खिलाफ लिखने की कीमत में जम्मू के सरकारी डॉक्टर की छिन गई नौकरी

सोशल मीडिया पर सक्रियता का अफसरों को नुकसान भी उठाना पड़ रहा है। जम्मू-कश्मीर सरकार ने राजकीय मेडिकल कॉलेज जम्मू के चिकित्सक को सेवा से बर्खास्त कर दिया है। आरोप है कि उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म फेसबुक पर सरकार विरोधी टिप्पणी की। यह चिकित्सक मेडिकल कॉलेज के एनेस्थेसिया विभाग में रजिस्ट्रार की भी जिम्मेदारी संभाल रहे थे। सोशल मीडिया पर राजनीतिक टिप्पणी करने को लेकर इससे पहले यूपी में दो अफसरों पर कार्रवाई हो चुकी है।

कासगंज हिंसा को लेकर फेसबुक पर विवादित पोस्ट लिखने पर बरेली के तत्कालीन डीएम राघवेंद्र विक्रम सिंह को जहां पहले नोटिस जारी हुई थी, वहीं हाल में उनका ट्रांसफर कर दिया गया, वहीं सरकारी बैठकों पर सवाल उठाने पर अमेठी के एसडीएम अशोक शुक्ला को भी नोटिस जारी हो चुकी है।

राजकीय मेडिकल कॉलेज के चिकित्सक डॉ. अमित कुमार पर सरकारी सेवा नियमावली के उल्लंघन के आरोप में यह कार्रवाई हुई है। नियमावली में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि कोई सरकारी कर्मी सरकार के खिलाफ सोशल मीडिया पर टिप्पणी नहीं कर सकता। अमित कुमार को एक सितंबर 2013 को तीन साल के लिए राजकीय मेडिकल कॉलेज में संविदा पर नियुक्ति मिली थी।

चिकित्सक की बर्खास्तगी को लेकर जारी पत्र में लिखा गया है कि 26 दिसंबर 2017 के शासनादेश के मुताबिक कोई सरकारी कर्मी सोशल मीडिया पर राजनीतिक टीका-टिप्पणी नहीं करेगा। न कोई ट्वीट करेगा न ही ब्लॉग लिखेगा। जबकि संज्ञान में आया कि डॉ. अमित कुमार ने सरकार विरोधी टिप्पणी की। डॉ. अमित कुमार सेवा में आने के दौरान हफलमाना दे चुके हैं कि उनकी और से सेवा शर्तों का उल्लंघन करने पर उनके खिलाफ जो कार्रवाई होगी, वो मंजूर होगी

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