खुले में शौच जाने पर सस्पेंड हो गया सरकारी टीचर, देश में अपनी तरह का पहला मामला
आपने लापरवाही, भ्रष्टाचार व रिश्वतखोरी के चलते किसी कर्मचारी के निलंबन की बात सुनी होगी, मगर मध्यप्रदेश में एक अजब मामला सामने आया है। यहां के अशोकनगर में एक शिक्षक को महज इसलिए निलंबित किया गया, क्योंकि वह खुले में शौच गया था। जिला शिक्षा अधिकारी और अतिरिक्त मुख्य कार्यपालन अधिकारी ने सोमवार को शासकीय प्राथमिक विद्यालय बुढ़ेरा के सहायक अध्यापक महेंद्र सिंह यादव को निलंबित करने का आदेश जारी किया। निलंबन आदेश में कहा गया है, “शासन की महत्वाकांक्षी योजना स्वच्छ भारत मिशन का उल्लंघन करते हुए घर के शौचालय का उपयोग न कर खुले में शौच के लिए गए। शासकीय कर्मचारी द्वारा शासन के निर्देशों की अवहेलना किया जाना कदाचार की श्रेणी में आता है। लिहाजा, उन्हें निलंबित किया जाता है।”
आदेश में कहा गया है कि निलंबन अवधि में महेंद्र यादव का मुख्यालय ईसागढ़ रहेगा और उन्हें नियमानुसार जीवन निर्वाहन भत्ता दिया जाएगा। संभवत: मध्यप्रदेश ही नहीं, देश में पहला ऐसा मामला होगा, जब किसी शासकीय सेवक को खुले में शौच करने पर निलंबित किया गया हो।
गौरतलब है कि केन्द्र सरकार के द्वारा ‘स्वच्छ भारत अभियान’ की शुरुआत 2 अक्टूबर 2014 को हुई थी। इसे भाजपा सरकार की अति महत्वाकांक्षी योजनाओं में से एक बताया गया था। ‘स्वच्छ भारत अभियान’ के तहत लक्ष्य रखा गया है कि 2 अक्टूबर 2019 तक भारत को खुले में शाैचालय से मुक्त कर दिया जाएगा। सरकार से अपनी इस महत्वाकांक्षी योजना को काफी जोर-शोर से प्रचारित भी किया है।