#FLASH Union government withdraws subsidy to Haj pilgrims.
मोदी सरकार ने इस साल से हज सब्सिडी खत्म करने का लिया बड़ा फैसला
केंद्र सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए हज यात्रा के लिए दी जाने वाली सब्सिडी खत्म कर दी है। केंद्रीय अल्पसंख्यक मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने इस बात की जानकारी दी है। अब इस साल से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार हज पर सब्सिडी नहीं देगी। रिपोर्ट्स के मुताबिक सरकार हर साल हज यात्रा पर सब्सिडी के रूप में 700 करोड़ रुपए खर्च करती थी। हर साल लाखों लग हज करने जाते हैं। इस साल भी करीब 1.75 लाख लोग हज यात्रा पर जाएंगे, लेकिन सभी यात्री बिना सब्सिडी के ही यात्रा करेंगे।
आपको बता दें कि साल 2012 में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को हज सब्सिडी खत्म करने का आदेश दिया था। कोर्ट ने सरकार से कहा था कि वह हज सब्सिडी को साल 2022 तक पूरी तरह से खत्म कर दिया जाना चाहिए। इसके अलावा नकवी ने कुछ दिनों पहले कहा था कि हज सब्सिडी का पैसा मुस्लिम लड़कियों की शिक्षा पर खर्च किया जाएगा।
सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के क्रम में अल्पसंख्यक मंत्रालय ने हज पॉलिसी 2018-22 का निर्धारण करने के लिए एक कमेटी बनाई थी। इस कमेटी ने सुझाव दिया था कि 45 वर्ष और इससे अधिक उम्र की महिलाओं को ‘मेहरम’ के बिना हज पर जाने की इजाजत मिलनी चाहिए। इस्लामी परंपरा में ‘मेहरम’ उस शख्स को कहते हैं जिसके साथ महिला की शादी नहीं हो सकती. यानी जिनसे महिला का रक्त संबंध हो। जिसके बाद मोदी सरकार ने बगैर मेहरम के भी हज यात्रा पर महिलाओं के जाने को मंजूरी प्रदान की।
उधर सऊदी अरब के जेद्दा में भारत के महावाणिज्य दूत रहे और नई हज नीति का मसौदा तैयार करने वाले पूर्व आईएएस अफसर अमानुल्ला ने कहा है कि- ‘‘सरकार चाहे तो 45 साल से कम उम्र की महिलाओं को भी मेहरम के बिना हज पर जाने की इजाजत दे सकती है, अगर बालिग लड़का हज पर जा सकता है तो फिर बालिक लड़की के जाने में क्या हर्ज है। “