व्यापारियों को 30 हजार करोड़ का जीएसटी रिफंड करने जा रही मोदी सरकार

जीएसटी रिफंड के लिए आस लगाये बैठे व्यापारियों के लिए गुड न्यूज है। वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के लंबित रिफंड की प्रक्रिया के लिए सरकार ने आज से 14 जून तक के लिए एक पखवाड़े का विशेष अभियान चलाने की घोषणा की। वित्त मंत्रालय ने कहा कि पिछले कई महीनों से सरकार और कारोबारियों के लिए जीएसटी रिफंड चिंता का विषय है। मंत्रालय के मुताबिक, सरकार ने 30,000 करोड़ रुपये से अधिक की रकम जीएसटी रिफंड के रूप में मंजूर की है जिसमें 16,000 करोड़ रुपये एकीकृत जीएसटी (आईजीएसटी) और 14,000 करोड़ रुपये इनपुट टैक्स क्रेडिट है। मार्च में सरकार ने निर्यात खाते की लंबित जीएसटी रिफंड की प्रक्रिया के लिए इसी प्रकार का अभियान चलाया था। हालांकि इस बार इस अभियान में 30 अप्रैल तक प्राप्त सभी प्रकार के जीएसटी रिफंड शामिल हैं। वित्त मंत्रालय ने एक बयान में कहा, “इसमें निर्यात पर चुकाए गए आईजीएसटी रिफंड, अनयुटिलाइज्ड इनपुट टैक्स क्रेडिट और अन्य सभी जीएसटी शामिल हैं।”

रिपोर्ट के मुताबिक अब तक 14 हजार करोड़ के तक के रिफंड दावे सरकार के पास पड़े हैं। इसमें से आईजीएसटी मद में 7000 करोड़ रुपये और आईटीसी मद में 7000 करोड़ रुपये हैं। इस ‘विशेष अभियान रिफंड पखवाड़े’ के दौरान सभी तरह के रिफंड दावों का निपटारा किया जाएगा। इस दौरान वित्त विभाग के अधिकारी 30 अप्रैल, 2018 को और उससे पहले प्राप्‍त सभी जीएसटी रिफंड आवेदनों को निपटाने की कोशिश करेंगे। इसमें निर्यात पर अदा किये गये आईजीएसटी के रिफंड, बिना इस्तेमाल आईटीसी के रिफंड और ‘फॉर्म जीएसटी आरएफडी–01ए’ में जमा किये गये सभी अन्‍य जीएसटी के रिफंड शामिल हैं।

केन्द्र सरकार की इस कोशिश को मोदी सरकार द्वारा व्यापारियों से अच्छे संबंध बनाने की दिशा में कदम बताया जा रहा है। बता दें कि व्यापारी जीएसटी प्रणाली में खामियों की अक्सर शिकायत करते हैं। सरकार चाहती है कि चुनावी साल से पहले जीएसटी की कमियों को दूर कर इसे ऐसा बनाया जाए ताकि व्यापारी इसे अपने लिए फायदेमंद समझे।

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