GST काउंसिल ने ठुकराई पश्चिम बंगाल की मांग, डिजिटल पेमेंट पर 20% छूट
सरकार ने आज डिजिटल पेमेंट करने पर जीएसटी टैक्स में छूट देने का ऐलान किया है। इस फैसले के पीछे सरकार की मंशा देश में डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देना है। वहीं सरकार के इस फैसले पर पश्चिम बंगाल सरकार ने विरोध जताया था। दरअसल पश्चिम बंगाल सरकार का कहना है कि इससे जीएसटी के राजस्व में काफी कमी आएगी, जो कि उम्मीदों के हिसाब से पहले ही काफी कम है। पश्चिम बंगाल के वित्त मंत्री अमित मित्रा ने जीएसटी कमेटी के चेयरमैन सुशील मोदी को एक पत्र लिखा है। बता दें कि जीएसटी काउंसिल की शनिवार को दिल्ली में बैठक हुई है, जिसमें जीएसटी काउंसिल ने डिजिटल पेमेंट पर इन्सेंटिव देने का फैसला किया है।
इकॉनोमिक टाइम्स की खबर के अनुसार, अमित मित्रा ने जीएसटी काउंसिल के चेयरमैन सुशील मोदी को लिखे अपने पत्र में कहा था कि “यदि सरकार डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देने के लिए इन्सेंटिव देने पर विचार कर रही है तो इसके लिए सरकार नॉन-टैक्स से सबंधित शुल्कों जैसे कन्विनिएंस फीस आदि में कटौती कर सकती है, जो कि ज्यादा अच्छा होगा। मुझे लगता है कि डिजिटल पेमेंट पर जीएसटी टैक्स में छूट नहीं दी जानी चाहिए।” अमित मित्रा ने कहा कि सरकार के इस कदम से जीएसटी के राजस्व में 1636 करोड़ रुपए की कमी आएगी, जिसका कोई मतलब नहीं है। इससे जीएसटी के राजस्व में और कमी आएगी, जो पहले ही उम्मीदों के अनुरुप कम मिल रहा है। जीएसटी लागू होने के बाद से ही इसके रेट और प्रक्रिया में लगातार बदलाव हो रहे हैं। जिस कारण उद्योगों और व्यापारियों इन बदलावों के साथ सामंजस्य बिठाने में काफी परेशानी हो रही है। अब जीएसटी में छूट देने के कदम से जीएसटी की प्रक्रिया मजबूत बनाने की कोशिशों को और झटका लगेगा।
बता दें कि जीएसटी काउंसिल की बैठक में फैसला किया गया है कि UPI, BHIM, USSD और Rupay के द्वारा डिजिटल पेमेंट करने पर कुल बिल के जीएसटी टैक्स में 20 प्रतिशत की छूट मिलेगी, जो कि अधिकतम 100 रुपए तक हो सकती है। छूट का यह पैसा उपभोक्ताओं को कैशबैक के तौर पर तुरंत मिलेगा। फिलहाल सरकार ने इसे पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर शुरु किया है और सफलता मिलने पर इसे आगे बढ़ाया जाएगा। जीएसटी में छूट देने के पीछे सरकार का तर्क है कि यूपीआई, भीम, यूएसएसडी और रुपे का इस्तेमाल अधिकतर निम्न मध्यवर्गीय या ग्रामीण इलाकों में होता है। ऐसे में सरकार इस वर्ग को इस छूट का फायदा देना चाहती है और डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देना चाहती है। बता दें कि ऐसा माना जाता है कि जीएसटी काउंसिल को लिखे पत्र में पश्चिम बंगाल के वित्त मंत्री ने लिखा कि यूपीआई, भीम, यूएसएसडी और रुपे का इस्तेमाल अधिकांश तौर पर ग्रामीण इलाकों में होता है। लेकिन शहरों और छोटे शहरों में भी अभी बड़े पैमाने पर भीम एप, रुपे कार्ड आदि का ही इस्तेमाल होता है।