ये साहसी बालक पिता की मौत पर रात भर रोता रहा, सुबह उठकर परीक्षा दी, फिर लौटकर दिया अर्थी को कंधा
घर पर पिता का शव रखा था, लेकिन ऐसी स्थिति में भी बेटे ने गजब का जीवट दिखाते हुए 10वीं की विज्ञान की परीक्षा दी। परीक्षा देकर छात्र ने घर लौटकर पिता की अर्थी को कंधा दिया। यह वाक्या गुजरात के सूरत शहर का है, जहां के अडाजण इलाके की योगी सोसाइटी में रहने वाले 48 वर्षीय राजकुमार महोर का दिल का दौरा पड़ने से मंगलवार सुबह 10 बजे निधन हो गया। पिता की असमय हुई मौत के बाद बेटा हर्ष राजकुमार महोर मंगलवार पूरी रात पिता के शव के पास बिलखता रहा। बुधवार सुबह हर्ष का 10वीं का विज्ञान का पेपर था, लेकिन हर्ष ने हिम्मत नहीं हारी और पिता की मौत के सदमे के बावजूद परीक्षा देने गया। इसके बाद हर्ष ने परीक्षा से लौटकर अपने पिता की अर्थी को कंधा दिया। हर्ष के इस जज्बे की सभी लोग प्रशंसा कर रहे हैं। पिता की मौत के बाद हर्ष के घर में अब मां और 2 बहनें बची हैं। हर्ष के पिता घर में अकेले कमाने वाले सदस्य थे।
स्कूल ने आगे की पढ़ाई के लिए माफ की हर्ष की फीसः दुख की इस घड़ी में हर्ष का स्कूल उसकी मदद के लिए आगे आया है। बता दें कि हर्ष अडाजण इलाके के ही शांतिनिकेतन विद्या विहार स्कूल में पढ़ाई करता है। पिता की मौत के बाद स्कूल के प्रिंसीपल ने घोषणा की है कि आगे की पढ़ाई के लिए हर्ष से कोई फीस नहीं ली जाएगी। स्कूल 12वीं कक्षा तक है। प्रिंसीपल का कहना है कि हर्ष पढ़ाई में अच्छा है और वो परीक्षा में जरुर अच्छे अंक लाएगा। वहीं हर्ष की बोर्ड परीक्षाओं का सेंटर अडाजण के ही प्रेसीडेंट स्कूल में है। प्रेसीडेंट स्कूल की प्रिंसीपल का कहना है कि हर्ष हमारे स्कूल का छात्र नहीं है, लेकिन स्कूल की लाइब्रेरी उसकी पढ़ाई के लिए हमेशा खुली रहेगी।
नहीं मिली एंबुलेंसः उल्लेखनीय है कि हर्ष के पिता राजकुमार महोर को 5 दिन पहले हार्ट अटैक आया था। उसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया और तबीयत ठीक होने पर डिस्चार्ज कर दिया गया था। मंगलवार सुबह उनकी तबीयत फिर बिगड़ गई। इस पर परिजनों ने 108 नंबर पर एंबुलेंस को फोन किया। लेकिन उधर से जवाब मिला कि उनके पास एक ही एंबुलेंस है जो अभी किसी मरीज को लेने गई हुई है, अभी उसके आने का इंतजार कीजिए। इस पर परिजन राजकुमार महोर को ऑटो से अस्पताल लेकर गए, लेकिन अस्पताल पहुंचने पर डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।