जाने नोबेल पुरस्कार से सम्मानित भारतीय वैज्ञानिक हरगोविंद खुराना के बारे में

नोबेल पुरस्कार से सम्मानित भारतीय वैज्ञानिक हर गोविंद  का आज मंगलवार 9 जनवरी को 96वां जन्मदिन है। इस दिन गूगल ने डूडल बनाकर उन्हें याद किया है। डॉ हरगोविंद ने डीएनए जिसे जीन इंजीनियरिंग भी कहा जाता है को स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। डॉ हरगोविंद का जन्म 9 जनवरी 1922 को अविभाजित भारत के रायपुर(मुल्तान, पंजाब) में हुआ था। बचपन से ही हर गोविंद प्रतिभावान विद्यार्थी थे जिस कारण उन्हें विद्यालय और विश्वविद्यालय में छात्रवृतियों की प्राप्ति हुई। पंजाब विश्वविद्यालय से 1943 में बी.एस.सी( आनर्स) और 1945 में एम.एस.सी (आनर्स) की डिग्री प्राप्त की थी। इसके बाद भारत सरकार से छात्रवृत्ति पाकर आगे की पढ़ाई के लिए इंग्लैंड गए। इंग्लैंड में लिवरपूल विश्वविद्यालय में अनुसंधान करने के बाद डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त की।

भारत सरकार से शोधवृत्ति प्राप्त होने के बाद वो जूरिक के फेडरल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नॉलोजी में कार्यरत हुए। 1952 में स्विटजरलैण्ड के एक संसद की पुत्री से उन्होनें विवाह किया। उनकी पत्नी भी एक वैज्ञानिक थी। 1960 में डॉ हरगोविंद ने संयुक्त राज्य अमेरिका के विस्कान्सिन विश्वविद्यालय के इंस्टीट्यूट ऑफ एंजाइम रिसर्च में प्रोफेसर के पद पर काम करना शुरु किया और उसके बाद अमेरिका की नागरिकता स्वीकार कर ली। डॉ हरगोविंद खुराना ने जीवकोशिकाओं (डीएनए) के नाभिकों की रासायनिक संरचना का अध्ययन किया। उन्होनें पाया कि जीन्स का निर्माण डीएनए और आरएनए के संयोग से बनता है।

 

 

 

 

डॉ खुराना को उनकी खोज के लिए 1958 में कनाडा में मर्क मैडल दिया गया। 1960 में कैनेडियन पब्लिक सर्विस ने उन्हें स्वर्ण पदक दिया गया। 1967 में डैनी हैनमैन पुरस्कार से सम्मानित किया गया। 1968 में चिकित्सा विज्ञान का नोबेल पुरस्कार दिया गया। 1968 में ही लॉस्कर फेडरेशन पुरस्कार और लूसिया ग्रास हारी विट्ज पुरस्कार से सम्मानित किए गए। 1969 में भारत सरकार ने डॉ खुराना को पद्मभूषण से सम्मानित किया गया। डॉ खुराना का 9 नवंबर 2011 को निधन हो गया था। डॉ खुराना ने चिकित्सा के क्षेत्र में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई इसी को याद करते हुए गूगल ने डूडल बनाकर उन्हें सम्मानित किया।

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