गुजरात में कांग्रेस को बड़ी कामयाबी, अहम मुद्दों पर हार्दिक से बनी सहमति

गुजरात के बेहद प्रतिष्ठित विधानसभा चुनाव में सत्तारूढ़ भाजपा को पटखनी देने की तैयारियों में जी जान से जुटी कांग्रेस प्रदेश के मजबूत पाटीदार समुदाय के युवा नेता हार्दिक पटेल को मनाने में कामयाब हो गई है। शुरुआती मतभेदों के बाद सोमवार को गुजरात प्रदेश कांग्रेस और हार्दिक की अगुआई वाले पाटीदार अमानत आंदोलन समिति के बीच आरक्षण सहित तमाम अन्य मुद्दों पर सहमति बन गई। हार्दिक खुद सोमवार को राजकोट में समझौते का एलान करेंगे और पाटीदार समाज से यह अपील भी करेंगे कि आगामी विधानसभा चुनाव में वह कांग्रेस को अपना समर्थन दे।  पाटीदार समाज और कांग्रेस के बीच हुए समझौते का ऐलान रविवार शाम अमदाबाद में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भरत सिंह सोलंकी ने किया।

इधर दिल्ली में पार्टी के उच्चपदस्थ सूत्रों ने स्वीकार किया कि पाटीदार समाज से जारी बातचीत के मद्देनजर ही गुजरात में पार्टी उम्मीदवारों की पहली सूची जारी नहीं की जा रही थी। पहले चरण के लिए 9 दिसंबर को होने वाले चुनाव के लिए नामांकन की आखिरी तारीख 21 नवंबर है। ऐसे में उम्मीदवारों के पास अब वक्त कम है। भाजपा पहले ही अपने उम्मीदवारों के नाम की घोषणा कर चुकी है। दरअसल, गुजरात में कांग्रेस अन्य पिछड़ी जातियों (ओबीसी) के नेता अल्पेश ठाकुर और पाटीदार नेता हार्दिक पटेल की शर्तों को लेकर उलझ गई थी। कांग्रेस में शामिल हो चुके अल्पेश का दबाव था कि आरक्षण देने सहित टिकटों के बंटवारे में भी कांग्रेस को ऐसा भी नहीं करना चाहिए जिससे ओबीसी के हितों को हानि नहीं पहुंचे। इसीलिए गुजरात से ताल्लुक रखने वाले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल ने पिछले दिनों अल्पेश व पाटीदार अमानत आंदोलन समिति के संयोजक दिनेश बामभनिया से दिल्ली में करीब चार घंटे तक बातचीत की। लेकिन इस लंबी बातचीत के बावजूद समस्या का हल नहीं निकला। बाद में नाराज बामभनिया ने कांग्रेस नेताओं के खिलाफ बयान भी जारी कर दिया। ऐसा लगने लगा था कि कांग्रेस व पाटीदार समाज के बीच बातचीत टूट जाएगी लेकिन आखिरकार पार्टी ने हार्दिक पटेल और पाटीदार समाज को मनाने में कामयाबी हासिल कर ली।

कांग्रेसी रणनीतिकारों ने स्वीकार किया कि गुजरात की प्रतिष्ठित लड़ाई को देखते हुए पाटीदार समाज का कांग्रेस के साथ आना बहुत ही उत्साहजनक है। गुजरात के मामलों से संबंधित पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि इसमें कोई दो राय नहीं कि इससे सूबे में कांग्रेस की लड़ाई को और धार मिलेगी।  इस बीच भरत सिंह सोलंकी ने कहा कि वह अगले महीने होने जा रहा राज्य विधानसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे। हालांकि, उन्होंने इन खबरों को खारिज किया कि वह उम्मीदवारों के चयन के मुद्दे पर पार्टी आलाकमान से नाखुश हैं।  सोलंकी ने कहा, ‘मैंने पहले भी कहा है और आज भी घोषित कर रहा हूं कि मैं गुजरात विधानसभा चुनाव नहीं लडूंगा।’ टिकटों के बंटवारे को लेकर आलाकमान से नाखुश होने की खबरों पर सोलंकी ने कहा कि यह सच नहीं है। उन्होंने पत्रकारों से कहा, ‘कुछ लोगों ने मेरे खिलाफ अभियान शुरू किया कि मैं पार्टी आलाकमान से खुश नहीं हूं और गुजरात लौटने के लिए (पिछले हफ्ते) केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक बीच में ही छोड़ दी थी।’ सोलंकी ने कहा, ‘मैं पार्टी आलाकमान से नाखुश नहीं हूं।’

 

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