Heart Attack: आपके घर में किसी को आ चुका है हार्ट अटैक, तो दिल के प्रति रहें सावधान, एक्सपर्ट से जाने फैमिली और हार्ट का सीधा कनेक्शन,

अधिकांश लोग हार्ट अटैक या दिल से जुड़ी बीमारियों में परिवार की पुरानी हिस्ट्री को इग्नोर कर देते हैं. लेकिन ये एक बड़ी गलती है. एनडीटीवी ने इस बारे में डॉ. विकास ठाकरान से चर्चा की.

एक समय था जब हार्ट हेल्थ की चिंता तब ही होती थी जब एक उम्र बीत जाती थी. एक समय था जब व्यक्ति 60 पार करता था, उसके बाद हार्ट अटैक या दिल से जुड़ी किसी तकलीफ की चिंता किया करता था. लेकिन अब समय के साथ साथ हालात बदल रहे हैं और हार्ट अटैक का रोग कभी भी किसी भी उम्र में व्यक्ति को जकड़ सकता है. अगर इस रोग की आपकी फैमिली में पहले कोई हिस्ट्री रही है तो उसे लेकर और भी ज्यादा सावधान रहना जरूरी है. ऐसे बहुत से रोग हैं जिनका ताल्लुक परिवार से होता है. यानी कि वो परिवार में एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में ट्रांसफर होते हैं. अधिकांश लोग हार्ट अटैक या दिल से जुड़ी बीमारियों में परिवार की पुरानी हिस्ट्री को इग्नोर कर देते हैं. लेकिन ये एक बड़ी गलती है. एनडीटीवी ने इस बारे में मैक्स, बीएलके दिल्ली में इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजी विभाग के सीनियर कंसल्टेंट डॉ. विकास ठाकरान से चर्चा की.

दिल पर फैमिली हिस्ट्री का असर

डॉ. विकास ठाकरान के मुताबिक अगर आपके घर में किसी शख्स को पहले हार्ट अटैक आ चुका है तो उस पर गौर करना जरूरी है. उनका कहना है कि कुछ फैमिली ऐसी होती हैं, जिनमें एचडीएल यानी कि बैड कोलेस्ट्रॉल ज्यादा होने की संभावना पीढ़ी दर पीढ़ी बनी रहती है. ऐसी फैमिली में कम उम्र में ही दिल की बीमारियां हावी हो सकती हैं. उनका ये भी सुझाव है कि घर में अगर किसी व्यक्ति को 55 की उम्र में या 65 साल की उम्र के आसपास ही हार्ट अटैक या दिल से जुड़ी बीमारी हो तो उसकी बाद की पीढ़ी को भी अपना ध्यान रखना चाहिए. डॉ. ठाकरान के मुताबिक कम उम्र में किसी परिवार के सदस्यों को हार्ट अटैक आने की समस्या हो तो उसे प्री मैच्योर कॉरनरी आर्टरी डिजीज कहा जाता है.

कैसे रखें दिल का ध्यान

जिनकी फैमिली में कम उम्र में ही किसी सदस्य को हार्ट अटैक आने की हिस्ट्री रही है. उन लोगों के लिए डॉ. विकास ठाकरान खास सुझाव देते हैं. उनकी सलाह के अनुसार ऐसे लोगों को कम उम्र से ही अपने दिल की सेहत का ध्यान रखना चाहिए. साथ ही समय समय पर कोलेस्ट्रोल के स्तर की जांच करवानी चाहिए. डॉक्टर की सलाह पर ट्रेडमिल टेस्ट भी करवाना चाहिए. डॉ. ठाकरान का ये भी कहना है कि अगर चलते समय सीने में दर्द महसूस हो या फिर सांस फूलने लगे तो हार्ट से जुड़े चेकअप करवाने में देर नहीं करना चाहिए. खासतौर से जब मामला फैमिली हिस्ट्री से भी जुड़ा हुआ हो तब.