दिल्ली के चीफ सेक्रेटरी को हाईकोर्ट ने दिया विधानसभा समिति के सामने पेश होने का आदेश

दिल्ली के मुख्य सचिव अंजू प्रकाश एवं दो अन्य वरिष्ठ आईएएस अधिकारियों को दिल्ली हाईकोर्ट ने शुक्रवार (13 जुलाई) को झटका देते हुए विधान सभा की समिति के सामने पेश होने का आदेश दिया है। कोर्ट ने कहा है कि अगर वो ऐसा नहीं करते हैं तो उन पर अदालत की अवमानना का मुकदमा चलाया जा सकता है। बता दें कि दिल्ली विधान सभा की प्रश्न एवं उत्तर और प्रिविलेज कमेटी ने इन अधिकारियों को पेश होने का नोटिस दिया था लेकिन इन अधिकारियों ने कमेटी के सामने पेश होने की बजाय उस आदेश को दिल्ली हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। मुख्य सचिव अंजू प्रकाश के अलावा दो अन्य अधिकारियों में सहकारी संस्थाओं के रजिस्ट्रार जे बी सिंह और दिल्ली शहरी आश्रय कल्याण बोर्ड के सीईओ शूरवीर सिंह शामिल हैं।

जस्टिस विभू बाखरू की बेंच ने मुख्य सचिव समेत तीनों अफसरों को हिदायत दी कि अगर वो समिति के सामने पेश नहीं होते हैं तो उन पर आवमानना की कार्यवाही शुरू हो सकती है। कोर्ट ने कहा कि आप अधिकारी हैं, इसलिए समिति के सामने पेश होना होगा और उनके सवालों का जवाब देना होगा। कोर्ट में दिल्ली विधान सभा एवं विधान सभा अध्यक्ष की तरफ से पेश वकील ने कहा था कि ये अफसर न तो समिति के सामने पेश हो रहे हैं और न ही समिति द्वारा मांगी गई सूचनाओं पर कोई जवाब दे रहे हैं। इससे पहले हाईकोर्ट ने 9 मार्च को विधान सभा की समिति से कहा था कि इन अफसरों के खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई न करे। कोर्ट के इस फैसले की आड़ में अधिकारी समिति के सामने पेश नहीं हो रहे थे।

कोर्ट ने स्पष्ट रूप से कहा, “यह इस अदालत का निर्देश है कि आपको विधान सभा की समिति के सामने पेश होना पड़ेगा। अगर आप ऐसा करने में विफल रहते हैं तो उनके (समिति) बारे में भूल जाइए, यह अदालत ही आपके खिलाफ अवमानना की कार्यवाही शुरू करेगी।” बता दें कि अंजू प्रकाश इस साल तब चर्चा में आए थे जब उन्होंने आप के विधायकों पर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की मौजूदगी में मारपीट और बदसलूकी करने के आरोप लगाए थे। इस मामले में आप विधायक प्रकाश जारवाल मुख्य आरोपी  बनाए गए थे।

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