दिल्ली हाई कोर्ट से बीजेपी सांसद सुब्रमण्यम स्वामी को झटका, सुनंदा पुष्कर केस में याचिका खारिज
भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के राज्यसभा सांसद और मशहूर वकील सुब्रमण्यम स्वामी को दिल्ली हाईकोर्ट ने करारा झटका दिया है। कोर्ट ने कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री शशि थरूर की पत्नी सुनंदा पुष्कर की मौत मामले में स्वामी की याचिका खारिज कर दी है। स्वामी ने इस साल 6 जुलाई को दिल्ली हाई कोर्ट में एक जनहित याचिका दाखिल कर कोर्ट से गुजारिश की थी कि इस संदेहास्पद मौत के मामले की दोबारा एसआईटी से जांच कराई जाए और उसकी निगरानी कोर्ट खुद करे।
स्वामी की याचिका का विरोध करते हुए केंद्र सरकार और दिल्ली पुलिस के वकील ने हाईकोर्ट को बताया कि उनकी जांच प्रक्रिया पर शशि थरूर का कोई दबाव नहीं है। लिहाजा, स्वामी का यह आरोप की थरूर के दबाव में सुनंदा पुष्कर की मौत की जांच को उलझाया जा रहा है, बेबुनियाद है। अदालत ने स्वामी द्वारा जी गई जानकारी पर भी एतराज जताया और कहा कि इसे पहले ही अदालत के सामने लाया जाना चाहिए था। कोर्ट ने सख्त टिप्पणी की कि यह पीआईएल की जगह संभवत: किताबी उदाहरण की तरह पॉलिटिकल इंटरेस्ट लिटिगेशन (पीआईएल) लगता है। इसके साथ ही हाई कोर्ट ने दिल्ली पुलिस से अब तक हुई जांच की स्टेटस रिपोर्ट भी मांगी है।
बता दें कि कांग्रेस नेता शशि थरूर की पत्नी सुनंदा पुष्कर 17 जनवरी 2014 को दिल्ली के एक फाइव स्टार होटल ‘लीला’ में मृत पाई गई थीं। मामले की जांच में हुई देरी की वजह से होटल का वह सूट डी-सील नहीं किया जा सका, जहां सुनंदा की मौत हुई थी। इससे खफा होटल ने दिल्ली की निचली अदालत का रुख किया था। इसके बाद अदालत ने दिल्ली पुलिस को 12 सितंबर को सूट को डी सील करने का निर्देश दिया था। अपने आदेश में अदालत ने इस बात का भी जिक्र किया था कि होटल को पहले ही भारी वित्तीय नुकसान हो चुका है। इसके बाद भी होटल का सूट डी-सील नहीं हुआ तब कोर्ट ने 16 अक्टूबर को सूट ‘डी – सील’ करने के अपने पहले के आदेश पर तामील करने के लिए पुलिस को आठ दिन का वक्त दिया था।