क्रिकेटर युवराज सिंह के भाई पर पत्‍नी से मारपीट का केस, मुकदमे को हस्तांतरित करने की माँग कोर्ट ने ठुकराई

पत्नी से मारपीट वाले घरेलू हिंसा के मामले में क्रिकेटर युवराज सिंह के भाई जोरावर सिंह को अदालत से झटका लगा है। जोरावर सिंह ने मुकदमे को गुड़गांव से चंडीगढ़ हस्तांतरित करने की गुहार लगाई थी। पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायायलय ने उनकी याचिका खारिज कर दी। उच्च न्यायालय ने कहा कि चंडीगढ़ की अदालतों में दोनों पक्षों के बीच तीन मामले पहले ही लंबित थे और गुड़गांव में चल रहे दो अन्य मामलों को गुड़गांव से चंडीगढ़ हस्तांतरित करने का कोई आधार नहीं था। टीओआई की खबर के मुताबिक हाल ही में जारी अपने विस्तृत आदेश में जस्टिस कुलदीप सिंह ने जोरावर के केस को चंडीगढ़ ट्रांस्फर करने वाली याचिका की कई आधार पर जांच करने के बाद उसे खारिज कर दिया। जोरावर की पत्नी ने घरेलू हिंसा से महिलाओं की सुरक्षा अधिनियम 2005 के तहत गुड़गांव में पति के खिलाफ केस दर्ज कराया था। याचिकाकर्ता जोरावर ने अदालत में दलील दी थी कि गुड़गांव में मीडिया भेदभाव करती है इसलिए वहां की अदालत में निष्पक्ष सुनवाई नहीं हो सकती है। हालांकि जज ने इसे याचिकाकर्ता की धारणा और निराधार दलील मानते हुए याचिका खारिज कर दी।

जोरावर के द्वारा एक और कारण यह बताया गया था कि चंडीगढ़ से गुड़गांव जाना उसके लिए असुविधाजनक है और वहां उसे धमकियां भी मिल रही हैं। न्यायाधीश ने इस याचिका को भी खारिज कर दिया, यह देखते हुए कि याचिकाकर्ता की सुविधा इस मामले में कोई आधार नहीं थी। जोरावर ने यहां तक कहा था कि अगर उसका केस चंडीगढ़ में हस्तांतरित कर दिया जाता है तो वह अपनी पत्नी और गवाहों के आने जाने की हवाई यात्राओं का खर्च उठाएगा। जज ने कहा कि अगर ऐसा है को याचिकाकर्ता भी हवाई जहाज से गुड़गांव जा सकता है जो कि नई दिल्ली के अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से ठीक जुड़ा हुआ है।

जोरावर द्वारा लिया गया एक और आधार यह था कि मुकदमेबाजी के पहले दौर में दूसरा पक्ष हिन्दू विवाह अधिनियम, 1955 की धारा 13-बी के तहत याचिका दायर करने पर सहमत हो गया था। हालांकि उत्तरदाता अपनी बात से पीछे हट गया। उच्च न्यायालय ने मामले को चंडीगढ़ हस्तांतरण के लिए इसे वैध आधार के रूप में खारिज कर दिया। जोरावर ने अपनी दलील में यह बात भी कही थी कि उसकी पत्नी न्यूयॉर्क में रहने लगी थी और वह मुंबई में बतौर अभिनेत्री काम कर रही थी और अमेरिका और मुंबई आती जाती रहती थी। जोरावर ने यह भी दलील दी कि मुंबई से चंडीगढ़ के लिए सीधी फ्लाइट उपलब्ध है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *