राम रहीम के जेल से प्रवचन देने की मांग से जुड़ी याचिका को कोर्ट ने खारिज कर दिया
पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने बलात्कारी बाबा राम रहीम के जेल से प्रवचन देने की मांग से जुड़ी याचिका को खारिज कर दिया है। बुधवार (24 जनवरी) को इस याचिका पर अदालत में सुनवाई हुई। राम रहीम के अनुयायियों ने मांग की थी कि राम रहीम को रोहतक जेल से लाइव या रिकॉर्डेड प्रवचन देने दिया जाए। बाबा के भक्तों ने इसके लिए अभिव्यक्ति की आजादी का हवाला दिया था। डेरा सच्चा सौदा से जुड़े लोगों ने सोमवार (22 जनवरी) को पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में याचिका दायर कर कहा था कि एक कैदी होने के बावजूद गुरमीत को अभिव्यक्ति की आजादी, संगठन बनाने की आजादी और एक कैदी की आजादी है। याचिका में कहा गया था कि जेल से बाबा को साप्ताहिक, पाक्षिक या फिर मासिक प्रवचन की अनुमति दी जाए। अदालत से मांग की गई थी कि उसकी ओर से जेल अधिकारियों को यह निर्देश दिया जाए। मालवा इंसा फॉलोअर्स डेरा सच्चा सौदा एसोसिएशन बठिंडा की ओर से दायर इस याचिका में कहा गया था कि भक्तों की आस्था डेरा में कायम रहे इसलिए जरूरी है कि उन्हें प्रवचन की इजाजत दी जाए।
इस संगठन के अध्यक्ष देव राज गोयल ने अंतरिम राहत के तौर पर डेरा के पूर्व प्रमुख सतनाम सिंह जी महाराज के जन्म दिवस के मौके पर 25 जनवरी को भी प्रवचन की इजाजत देने की मांग की थी। संगठन ने कहा था कि चूंकि राम रहीम अभी भी डेरा के प्रमुख हैं इसलिए उनका भाषण इस समाज के लिए अहम है। हालांकि अदालत ने इस सुविधा को देने से इनकार कर दिया है। बता दें कि राम रहीम इस वक्त रोहतक के सुनारिया जेल में बंद है।सिरसा स्थित गुरमीत राम रहीम को सीबीआई की पंचकूला कोर्ट ने दो साध्वियों के यौन शोषण के मामले में दोषी करार देते हुए 20 साल के कैद का फैसला सुनाया था। साथ ही कोर्ट ने डेरा प्रमुख पर आर्थिक दंड भी लगाया था। राम रहीम को दोषी करार दिये जाने के बाद, हरियाणा के रोहतक, पंचकूला और पंजाब के बठिंडा में बड़े पैमाने पर हिंसा हुई। राम रहीम के भक्तों ने दर्जनों गाड़ियों को आग लगा दी और सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाया था। इस घटना में 30 से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी।