उन्नाव गैंगरेप मामले में हाई कोर्ट ने सरकार को लताड़ा: सरकारी तंत्र ने आरोपी विधायक को दी खुली छूट

उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले के बांगरमऊ से बीजेपी के विधायक कुलदीप सिंह सेंगर पर लगे कथित गैंगरेप और पीड़िता के पिता की पिटाई करवाने के मामले में भले ही सीबीआई ने आरोपी विधायक को गिरफ्तार कर लिया हो पर इलाहाबाद हाई कोर्ट इस बात से खफा है कि दबंग विधायक की रसूख की वजह से कानून ने समय पर न्यायसंगत काम नहीं किया। हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस दिलीप बी भोसले ने शुक्रवार को मामले में टिप्पणी की कि सरकारी तंत्र ने आरोपी विधायक पर कार्रवाई नहीं की बल्कि उल्टे उसके गुर्गों को अपने हाथ में कानून लेने की छूट दी। इस वजह से पीड़िता के पिता की न सिर्फ पिटाई की गई बल्कि इस पिटाई से उसकी मौत भी हो गई। होई कोर्ट ने योगी सरकार को फटकार लगाते हुए कहा है कि सरकारी अधिकारियों ने इलाके में फैलाए जा रहे आतंक के खिलाफ एक भी कदम नहीं उठाया बल्कि आरोपियों का ही साथ दिया।

हाई कोर्ट ने कहा है कि सरकारी तंत्र की विफलता की वजह से ही आरोपी का मन बढ़ा और उसने गवाहों को डराया-धमकाया और सबूतों को नष्ट करने की कोशिश की। यह अलग बात है कि उसी दिन योगी आदित्यनाथ ने कहा कि उनकी सरकार अपराध के मामले में जीरो टॉलरेन्स की नीति पर काम कर रही है। हाई कोर्ट ने कहा कि अगर साल भर पहले सीएम योगी आदित्यनाथ के कार्यालय की तरफ से एक्शन के नाम पर रस्म अदायगी भर नहीं होती और सख्त कार्रवाई होती तो पीड़िता का पिता नहीं मरता। चीफ जस्टिस ने शुक्रवार को बीजेपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को गिरफ्तार करने का आदेश भी सीबीआई को दिया।

इधर, खबर है कि आरोपी विधायक रात भर सीबीआई की हिरासत में रोता रहा। सीबीआई अधिकारियों ने उससे करीब 16 घंटे तक पूछताछ की। शनिवार को आरोपी विधायक को ट्रांजिट रिमांड पर लेने के लिए सीबीआई ने लखनऊ की सीजेएम अदालत में पेश किया है। पेशी के वक्त आरोपी विधायक अपने समर्थकों से यही कहता रहा कि वो निर्दोष है और उसे न्यायपालिका में भरोसा है। वह निर्दोष साबित होकर जल्द वापस आएगा। कोर्ट ने विधायक को सात दिनों की सीबीआई कस्टडी में भेज दिया।

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