अलीगढ़ के स्‍कूलों को हिंदू संगठन की चेतावनी- जहां हिंदू बच्‍चे ज्‍यादा हों, क्रिसमस मत मनाना

हिंदू जागरण मंच ने अलीगढ़ के क्रिश्चियन स्कूलों को चेतावनी दी है कि उन स्कूलों में क्रिसमस न मनाएं, जहां हिंदू छात्र बहुमत में हैं। उन्होंने दावा किया कि यह जबरन धर्मांतरण कराने की ओर कदम है। टीओआई से बातचीत में हिंदू जागरण मंच के शहरी अध्यक्ष सोनू सविता ने दावा किया कि क्रिश्चियन स्कूलों में क्रिसमस मनाने के लिए हिंदू छात्रों से खिलौने और गिफ्ट लाने को कहा जाता है। यह उन्हें ईसाई धर्म की ओर लुभाने का आसान तरीका है। उन्होंने कहा, ”हम पैरंट्स से बातचीत कर रहे हैं, ताकि वह इस तरह की गतिविधियों की आलोचना करें”। उन्होंने कहा, इस तरह की एक्टिविटीज हिंदू छात्रों की मानसिकता को प्रभावित कर सकती हैं। उन्होंने कहा कि मंच सोमवार को सभी क्रिश्चियन स्कूलों को पत्र जारी कर एेसी गतिविधियां रोकने को कहेगा ।

एचजेएम के राज्य सचिव संजू बजाज ने कहा, ”अगर स्कूल उनके निर्देशों का पालन नहीं करेंगे, तो संस्थानों के बाहर विरोध-प्रदर्शन किया जाएगा”। इनग्राहण इंस्टिट्यूट के डायरेक्टर एसएन सिंह ने कहा, ”कोई स्कूल किसी छात्र से कोई त्योहार जबरन मनाने को नहीं कहता”। उन्होंने कहा कि मंच की मांग अजीबोगरीब है, लेकिन अगर कोई निर्देश मिलता है, तो वे स्थानीय प्रशासन और पुलिस के पास सुरक्षा के लिए संपर्क करेंगे, क्योंकि क्रिसमस उनके लिए एक बड़ा त्योहार है। एडवोकेट अॉसमंड चार्ल्स ने कहा, ”हिंदू जागरण मंच के बयान से अलीगढ़ का ईसाई समुदाय हैरान है”। उन्होंने कहा कि समुदाय के सदस्यों के बीच भी एक डर है। यह वैसा ही है, जैसा हिंदू संगठनों ने घर वापसी कार्यक्रम के दौरान देश भर में फैला था।

उन्होंने कहा कि हम लोग मध्य प्रदेश के सतना में हुई घटना से काफी हैरान हैं, जहां एक पादरी को गिरफ्तार और कैरोल गाने वाले ग्रुप को हिरासत में ले लिया गया। इसके अलावा उनकी कार भी जला दी गई। उन्होंने कहा कि अब हमारे बच्चे भी कैरोल गाने के लिए जाने से डर रहे हैं। वहीं अलीगढ़ के डीएम ऋषिकेश भास्कर यशोदा ने कहा कि उन्हें मंच द्वारा दी गई चेतावनी की कोई जानकारी नहीं है। उन्होंने कहा कि इस तरह की गतिविधि बर्दाश्त नहीं की जाएगी और जो भी त्योहारों में बाधा पहुंचाएगा, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि किसी भी संगठन को कानून हाथ में लेने नहीं दिया जाएगा।

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