एक हिन्दू ने गोद लिया एक मुस्लिम बच्ची को तो भीड़ ने उसे 16 बार मारा चाकू
हैदराबाद से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, दरअसल यहां कुछ लोगों ने भीड़ ने एक व्यक्ति को चाकू मारकर गंभीर रुप से घायल कर दिया, हमले के दौरान पीड़ित को 16 बार चाकू घोंपा गया। पीड़ित का कसूर सिर्फ इतना था कि वह एक हिंदू होते हुए मुस्लिम बच्ची को पाल रहा था। आश्चर्यजनक बात ये है कि 16 बार चाकू लगने के बावजूद पीड़ित व्यक्ति की जान बच गई है और फिलहाल हैदराबाद के ओसमानिया अस्पताल में उसका इलाज चल रहा है। यह घटना 1 जून की है, जो कि अब मीडिया के सामने आयी है।
खबर के अनुसार, पापालाल रविकांत नामक व्यक्ति को साल 2007 में हुए हैदराबाद ब्लास्ट के दौरान गोकुल चाट सेंटर पर एक छोटी बच्ची लावारिस हालत में मिली थी। जब बच्ची को लेने कोई नहीं आया तो पापालाल और उसकी पत्नी जयश्री बच्ची को अपने घर ले आए। उसके बाद से बच्ची पापालाल के परिवार के साथ ही है। पापालाल का कहना है कि बच्ची को अपने घर लाने के बाद से ही उसके परिवार का शोषण किया जा रहा है। बच्ची का नाम सानिया है और फिलहाल वह 8वीं कक्षा की छात्रा है। एक हिंदू द्वारा मुस्लिम बच्ची को गोद लेने पर मुस्लिम और हिंदू समेत दोनों पक्ष पापालाल के परिवार का विरोध कर रहे हैं। इसी के चलते बीते 1 जून को कुछ लोगों की भीड़ ने पापालाल पर हमला कर दिया और उसे चाकू मारकर गंभीर रुप से घायल कर दिया था।
न्यूज 18 से बातचीत में पापालाल ने बताया कि “सानिया ने 2008 के बम ब्लास्ट में अपना परिवार खो दिया था, जब कोई उसे लेने नहीं आया तो हम उसे घर ले आए। सानिया के आने से हमारे घर में खुशियां आ गई हैं। हम हिंदू-मुस्लिम में यकीन नहीं रखते हैं, हम मानवता में विश्वास रखते हैं। सानिया अब मेरी बड़ी बेटी है और अब मैं उसे नहीं छोड़ूंगा, चाहे कुछ भी हो जाए।” पापालाल का कहना है कि कुछ लोग उसके माथे पर तिलक लगाने से मना करते हैं, वहीं कुछ लोग उसका नाम बदलकर अंजलि या सोनिया करने को कहते हैं। हमें इस बात से कोई परेशानी नहीं है कि वह इस्लाम का पालन करे। हम एकता और भाईचारे में विश्वास रखते हैं और चाहते हैं कि सभी लोग शांति से रहें। पापालाल की पत्नी जयश्री का कहना है कि हमारे धर्म को लेकर अभी भी हम पर अत्याचार किए जा रहे हैं। लड़की को भी काफी शोषण सहना पड़ रहा है। जब हम सब खुश हैं तो समाज को इससे क्या दिक्कत है? पापालाल और उनकी पत्नी का आरोप है कि ना तो पुलिस और ना ही सरकार उन्हें सुरक्षा दे रही है।