Holi 2018: ‘केमिकल’ वाले रंगों की बजाय इन प्राकृतिक रंगों से खेलें होली, जानें क्या है बनाने का तरीका
रंगों का त्योहार होली नजदीक है। होली दो तरह से खेली जाती है। एक गुलाल और सूखे रंगों से और दूसरा पानी में रंग घोलकर। आजकल होली के लिए जिन रंगों का इस्तेमाल किया जा रहा है स्वास्थ्य के नजरिये से उनके हानिकारक होने पर किसी को कोई संदेह नहीं होगा। तमाम तरह के केमिकल्स के इस्तेमाल से बने ये रंग स्किन के लिए बेहद नुकसानदेह होते हैं। ऐसे में प्राकृतिक रंगों से होली खेलने का विकल्प ज्यादा सुरक्षित लगता है। सब्जियों, फलों आदि का इस्तेमाल कर आप चाहें तो घर पर ही रंग तैयार कर सकते हैं। इसके लिए कुछ तरीकों के बारे में हम आज आपको बताने वाले हैं।
केसरिया रंग के लिए – केसरिया रंग बनाने के लिए आपको टेसू के फूलों की जरूरत पड़ेगी। अपने बागीचे से या फिर बाजार से टेसू के फूल लेकर आइए। अब इसे 100 ग्राम पानी में रात भर के लिए भिगोकर छोड़ दीजिए। आप इस प्राकृतिक रंग को गुब्बारों में भरकर भी होली खेल सकते हैं।
गहरा गुलाबी रंग के लिए – मैजेंटा यानी कि गहरा गुलाबी रंग बनाने के लिए चुकंदर का इस्तेमाल किया जा सकता है। इसके लिए चुकंदर के कुछ टुकड़े काटकर एक कप पानी में उबाल लें। इसके अलावा चुकंदर को मिक्सर में पाीसकर सुखा लें और इस पाउडर को बेसन या फिर आटे के साथ मिलाकर रंग बना लें।
प्राकृतिक गुलाल- अगर आप प्राकृतिक रंगों के साथ सूखी होली खेलना चाहते हैं तो इसके लिए फूड कलर्स का इस्तेमाल किया जा सकता है। इसे बनाने के लिए चावल के आटे में थोड़ा सा फूड कलर मिलाएं और दो चम्मच पानी डालकर एक मोटा पेस्ट तैयार कर लें। अब इस मिश्रण को धूप में सूखने के लिए छोड़ दें। बाद में मिक्सर की मदद से इसे पीसकर पाउडर्ड कलर की तरह इस्तेमाल करें।
पीला रंग – पीला रंग बनाना बेहद आसान है। इसके लिए थोड़े से बेसन में थोड़ी सी हल्दी और फिर पानी मिला लें। बाद में इसे सूखने के लिए छोड़ दें। इसके अलावा केसरिया रंग के लिए मेंहदी को रात भर पानी में भिगोकर रखें। सुबह इस पानी से आप होली खेल सकते हैं।
हर्बल गुलाल – इसके लिए 200 ग्राम अरारोट पाउडर, 100 ग्रा. हल्दी, 50 ग्रा. मैरीगोल्ड फूल, 20 ग्रा. संतरे के छिलका का पाउडर और 20 ग्राम नींबू या चंदन का इसेंसियल ऑयल ले लें। इसे किसी बर्तन में रखकर अच्छी तरह से मिला लें। आपका सेफ और नेचुरल पीले रंग का गुलाल तैयार हो जाएगा।