पाकिस्तान को गोलीबारी रोकने पर मजबूर होना पड़ेगा: राजनाथ

केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने जम्मू क्षेत्र के सीमावर्ती इलाकों में रहने वाले लोगों को आश्वस्त किया कि पाकिस्तान को गोलीबारी रोकने पर मजबूर करने के लिए भारत कदम उठा रहा है।  उन्होंने सोमवार को यहां प्रवासियों की रैली में कहा, ‘कुछ समय के लिए इंतजार करें। पाकिस्तान को गोलीबारी रोकने पर मजबूर किया जाएगा। अगर पाकिस्तान की तरफ से एक भी गोली दागी जाती है तो भारत को जवाब में दागी जाने वाली गोलियां नहीं गिननी चाहिए।’ सिंह ने कहा, चाहे वे (पाकिस्तान) आज गोलीबारी रोकें या कल, उन्हें गोलीबारी और संघर्ष विराम का उल्लंघन रोकना होगा।  इससे पहले श्रीनगर में गृहमंत्री कहा कि जम्मू-कश्मीर में सुरक्षाबलों से कहा गया है कि जिन युवाओं ने संभवतयां बाकी पेज 8 पर कुछ गलतियां की हों उनके साथ अपराधियों की तरह नहीं, बल्कि किशोर कानून के तहत व्यवहार किया जाए। उन्होंने कहा कि सुरक्षाबलों से कहा गया है कि वे कानून-व्यवस्था की स्थिति को देखते समय अत्यधिक बल प्रयोग न करें। राजनाथ ने यहां कहा, मैं युवाओं से अपील करता हूं कि वे कुछ लोगों के हाथों में न खेलें और पत्थरबाजी से दूर रहें। उन्होंने कहा, आतंकवादियों ने बहुत-सी पीढ़ियों को नष्ट कर दिया है और हम उन्हें एक और पीढ़ी को नष्ट नहीं करने देंगे।

राजनाथ सिंह ने कहा कि पिछले एक वर्ष में कश्मीर घाटी में शांति बहाली के प्रयासों का असर सतह पर दिखने लगा है। जम्मू-कश्मीर की चार दिवसीय यात्रा पर आए गृहमंत्री ने कहा कि राज्य के हालात में काफी सुधार हुआ है। उन्होंने कहा कि कश्मीर में शांति का वृक्ष सूखा नहीं है। कश्मीर मुद्दे का स्थाई सामाधान पांच सी- सहानुभूति, संवाद, सहअस्तित्व, विश्वास बहाली और स्थिरता… पर आधारित है।यह पूछने पर कि क्या सरकार अलगाववादियों के साथ बातचीत के लिए तैयार है, गृहमंत्री ने कहा, इसमें बातचीत के लिए औपचारिक या अनौपचारिक न्योता देने का कोई प्रश्न ही नहीं है। जो बात करना चाहते हैं, वे स्वयं आगे आएं। गृह मंत्री ने कहा कि एएसआइ अब्दुल रशीद को श्रद्धांजलि अर्पित करते समय मैंने एक बार फिर उनकी बेटी जोहरा की तस्वीर देखी, मैं उस बच्ची का चेहरा भूल नहीं सकता हूं। हम कश्मीर के प्रत्येक नौजवान के चेहरे पर मुस्कुराहट और खुशी देखना चाहते हैं और इस दिशा में हमारी कोशिशें जारी रहेंगी। रशीद हाल ही में आतंकवादियों के साथ सुरक्षा बलों की एक मुठभेड़ में गंभीर रूप से घायल हो गए थे, बाद में उनका निधन हो गया।  स्ािंह ने कहा कि केंद्र सरकार ने मई 2014 में कार्यभार संभालने के दिन से ही पाकिस्तान सहित सभी पड़ोसियों से आपसी रिश्ते बेहतर बनाने के संजीदा प्रयास तेज कर दिए थे। इसी कवायद के तहत प्रधानमंत्री ने शपथ-ग्रहण समारोह में सभी पड़ोसी देशों के राष्ट्राध्यक्षों को आमंत्रित किया था। आमंत्रण के पीछे की मंशा साफ थी कि इसका मकसद हाथ मिलाना मात्र नहीं था बल्कि दिल से दिल का रिश्ता कायम करना था। इतना ही प्रधानमंत्री प्रोटोकॉल तोड़कर भी एक कार्यक्रम में शिरकत करने वहां गए। हमने रिश्ते बेहतर करने के लिए हर संभव उपाय किए।

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