हनीप्रीत ने कबूला- मैंने ही रची दंगों की साजिश

डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को सीबीआइ कोर्ट की ओर से सजा सुनाए जाने के बाद फैली हिंसा की साजिशकर्ता हनीप्रीत ही थी। गिरफ्तारी के आठवें दिन बाद उसने खुद यह कबूलनामा कर लिया है। पुलिस विभाग के आला अधिकारी इस बात को लेकर एकमत हैं कि उसने पुलिस के सामने यह स्वीकार कर लिया है कि पंचकूला दंगों की साजिश उसने ही रची थी। पंचकूला पुलिस ने पंचकूला हिंसा के मामले में बीती तीन अक्तूबर को हनीप्रीत को गिरफ्तार किया था। मंगलवार को पुलिस ने हनीप्रीत को अदालत में  पेश करके फिर से तीन दिन का रिमांड हासिल किया था। इस रिमांड के दूसरे दिन उसने यह स्वीकार कर लिया है कि पंचकूला को जलाने के लिए रची गई हिंसा में उसकी भूमिका अहम थी।

पुलिस के अनुसार, पूछताछ के दौरान हनीप्रीत ने यह स्वीकार कर लिया उसके लैपटॉप में ही पंचकूला का नक्शा मौजूद है। डेरे में 17 अगस्त को हुई बैठक में यह तय किया गया था कि अगर डेरा प्रमुख को सजा होती है तो क्या रणनीति अपनाई जाएगी और अगर वह बरी हो जाता है तो क्या रणनीति अपनाई जाएगी।
इस बैठक के बाद बाकायदा पंचकूला में अदालत परिसर की तरफ जाने वाले सभी रास्तों की रेकी करके एक नक्शा तैयार किया गया था। इस नक्शे के आधार पर डेरे से जुडेÞ अहम लोगों को पूरी रणनीति समझाई गई थी। हनीप्रीत के लैपटॉप में पंचकूला हिंसा की पूरी रणनीति भी दर्ज है। पुलिस द्वारा की गई पूछताछ में उसने यह भी स्वीकार किया है कि डेरा के आइटी विंग द्वारा 25 अगस्त से पहले तैयार किए गए वीडियो को वही अंतिम रूप देती थी।

वीडियो फाइनल होने के बाद उसके मोबाइल से ही वीडियो क्लिप को अहम लोगों को भेजा जाता था और उसके वह क्लिप सभी डेरा प्रेमियों तक वायरल होती थी। पुलिस पूछताछ में हनीप्रीत ने यह तो स्वीकार कर लिया है कि पंचकूला में हिंसा फैलाने के लिए धनराशि उसके माध्यम से ही गई थी। लेकिन उसने अभी तक यह नहीं बताया है कि वह धनराशि उसके पास कहां से आई थी। माना जा रहा है कि यह धनराशि ब्लैक मनी के रूप में डेरे के पास मौजूद थी। पूछताछ में हनीप्रीत ने पुलिस को बताया है कि पंचकूला हिंसा के बाद उसने अपना लैपटॉप एक डेरा प्रेमी को यह कहते हुए दिया था कि इसे डेरा सच्चा सौदा सिरसा या गुरूसर मोड़िया में दे। हनीप्रीत पुलिस को यह नहीं बता रही है कि इस समय लैपटॉप कहां है। अब पुलिस के सामने बड़ी चुनौती हनीप्रीत का लैपटॉप व मोबाइल बरामद करना है, क्योंकि हनीप्रीत वह स्वीकार कर चुकी है कि लैपटॉप व मोबाइल में कई तरह की जानकारियां मौजूद हैं, लेकिन हनीप्रीत पुलिस को यह नहीं बता रही है कि इस समय लैपटॉप व मोबाइल कहां हैं।
कार में अकेली बैठकर करती थी आदित्य व पवन से बातचीत
पुलिस द्वारा लिए गए दूसरे रिमांड के दौरान हनीप्रीत की सहयोगी सुखदीप ने पुलिस को बताया हनीप्रीत गिरफ्तार होने से पहले अंतिम समय तक आदित्य इंसा व पवन इंसा के संपर्क में थी। सुखदीप कौर ने कहा है कि हनीप्रीत जब इनलोगों से बातचीत करती थी तो वह अकेली कार में दरवाजे बंद करके बैठती थी। सुखदीप के अनुसार, हनीप्रीत जब भी आदित्य व पवन से बातचीत करती थी तो अकेले में जाकर ही करती थी।
पुलिस ने जब दिखाए दूसरों के बयान वाले वीडियो तो टूट गई हनीप्रीत
पहले रिमांड की अवधि पूरी होने तक सुखदीप ने जहां हनीप्रीत से जुड़ी कई जानकारियां दीं, वहीं हनीप्रीत के चालक ने भी उससे जुड़े कई अहम खुलासे पुलिस के समक्ष किए। सुखदीप व हनीप्रीत के चालक द्वारा दी गई जानकारियों के बाद हनीप्रीत के पास ऐसा कुछ खास नहीं बचा था जिसे वह छिपाकर अपना बचाव कर लेती। इसके बाद पुलिस ने सुखदीप व उसके चालक के दिए बयानों के वीडियो भी हनप्रीत को दिखाए। इससे वह पूरे घटनाक्रम में खुद को अकेला समझने लगी और पुलिस के आगे टूट गई।

 

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