अब मध्य प्रदेश में नेताजी सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा को रंग दिया लाल रंग से पोत दिया गया
त्रिपुरा, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश, केरल और पश्चिम बंगाल के बाद अब मध्य प्रदेश में एक और महापुरुष की प्रतिमा से छेड़छाड़ की घटना सामने आई है। उपद्रवियों ने इस बार नेताजी सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा को निशाना बनाया है। जबलपुर में अराजक तत्वों ने नेताजी की प्रतिमा को लाल रंग से पोत दिया। मामला संज्ञान में आने के बाद स्थानीय प्रशासन जागा। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, श्रीनाथ के तलैया इलाके में सुभाष चंद्र बोस की मूर्ति स्थित है। घटना की जानकारी मिलते ही स्थानीय पुलिस पहुंच गई और आसपास के क्षेत्रों में लोगों से पूछताछ की। लेकिन, प्रतिमा के साथ छेड़छाड़ करने वाले का पता नहीं चल सका। पुलिस ने मामले की छानबीन करने की बात कही है। स्थानीय लोगों का कहना है कि जबलपुर समेत महाकौशल में वामदलों के समर्थक लंबे समय से सक्रिय हैं। बता दें कि शहर में इससे पहले कभी भी प्रतिमाओं के साथ छेड़छाड़ करने की घटना सामने नहीं आई थी।
पूर्वोत्तर राज्य त्रिपुरा में हाल में संपन्न हुए विधानसभा चुनावों में भाजपा को बड़ी जीत मिली थी। माणिक सरकार के नेतृत्व वाली वाम सरकार को करारी शिकस्त झेलनी पड़ी थी। चुनाव परिणाम आने के बाद राज्य में लेनिन की दो मूर्तियों को क्षतिग्रस्त कर दिया गया था। राज्य में कई जगह हिंसक घटनाएं भी हुई थीं। वामदल ने बीजेपी कार्यकर्ताओं पर हमले करने का आरोप लगाया था। इसके बाद तमिलनाडु के भाजपा नेता ने पेरियार की मूर्ति को अगला निशाना बनाने की बात कही थी। सोशल मीडिया पर उनके पोस्ट के बाद दक्षिणी राज्य में पेरियार की प्रतिमा को भी नुकसान पहुंचाया गया था। हालांकि, भाजपा नेता ने बाद में पोस्ट हटाते हुए माफी भी मांगी थी। इसके अभी इस पर विवाद थमा भी नहीं था कि पश्चिम बंगाल में श्यामा प्रसाद मुखर्जी और उत्तर प्रदेश में डॉक्टर भीमराव अंबेडकर की प्रतिमाओं को क्षतिग्रस्त करने की घटना सामने आ गई थी। उपद्रवियों ने केरल में महात्मा गांधी की मूर्ति को नुकसान पहुंचाया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने लेनिन और पेरियार की मूर्तियां तोड़ने में पार्टी कार्यकर्ताओं का हाथ होने पर कड़ी प्रतिक्रिया जताई थी। पीएम मोदी ने ऐसी घटनाओं पर अविलंब रोक लगाने की बात कही थी। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार अमित शाह ने खुद संबंधित राज्यों के पार्टी अध्यक्षों से बात की थी और उन्हें कार्यकर्ताओं को नियंत्रित करने की सख्त हिदायत दी थी।