दिल्ली के अस्पताल में फिर लापरवाही, इन्फेक्शन से 5 साल की बच्ची की मौत, शव के लिए 9.5 लाख मांगने का आरोप
दिल्ली के प्राइवेट अस्पतालों में लापरवाही का सिलसिला जारी है। शालीमार बाग के मैक्स हॉस्पिटल और गुड़गांव के फोर्टिस हॉस्पिटल के बाद फिर से दिल्ली के बीएलके सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल पर लापरवाही के आरोप लगे हैं। यहां बोन मैरो ट्रांसप्लांट के लिए पांच साल की एक बच्ची को दाखिल कराया गया था लेकिन अस्पताल की लापरवाही की वजह से उसकी जान चली गई। परिजनों का आरोप है कि 25 दिन तक बच्ची को अलग-अलग वार्डों में रखा गया। तब तक सभी डॉक्टर कहते रहे कि बच्ची की स्थिति ठीक है फिर अचानक उसकी मौत हो गई। टाइम्स नाऊ के मुताबिक पीड़ित परिजनों ने शव देने के बदले 9.5 लाख रुपये मांगने का भी आरोप लगाया है।
दरअसल, 5 साल की बच्ची दीवा गर्ग जन्मजात डिस्रेथ्रोपोएटिक एनीमिया से पीड़ित थी। उसे 31 अक्टूबर को बीएलके सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल में बोन मैरो ट्रांसप्लांटेशन के लिए भर्ती कराया गया था। पीड़ित परिजन का कहना है कि उस वक्त डॉक्टरों ने आश्वस्त किया कि हॉस्पिटल इस केस को डील करने में पूरी तरह सक्षम है। बोन मैरो ट्रांसप्लांट के लिए अस्पताल में सभी सुविधाएं उपलब्ध हैं। डॉक्टरों ने बताया कि हॉस्पिटल में ट्रांसप्लांट के लिए एक मैच भी मिला हुआ है।
इसके बाद दीवा को एक अलग वार्ड में भर्ती किया गया, जहां सिर्फ उसकी मां को रहने की इजाजत थी। किसी और बाहरी को आने-जाने की इजाजत नहीं थी। 11 दिन बाद मैरो ट्रांसप्लांट सर्जरी हुई। इसके दो दिन बाद यानी 13 नवंबर को दीवा को बुखार आ गया। डॉक्टरों ने बताया कि यह कोई बड़ी समस्या नहीं है। दीवा जल्द ठीक हो जाएगी।
टाइम्स नाऊ के मुताबिक इसके बाद 22 नवंबर को दीवा ने सिर दर्द की शिकायत की। उसे सांस लेने में भी दिक्कत हो रही थी। इसके बाद डॉक्टरों ने उसे आईसीयू में रखा। उसके अगले ही दिन फिर वेंटिलेटर पर रखा। इस बीच डॉक्टरों ने आश्वस्त किया कि हालात नियंत्रण में है लेकिन अचानक 25 नवंबर को डॉक्टरों ने दीवा को मृत घोषित कर दिया और बताया गया कि दीवा को अचानक इन्फेक्शन हो जाने की वजह से नहीं बचाया जा सका। परिजनों का आरोप है कि जब दीवा आइसोलेशन वार्ड में थी तो उसे इन्फेक्शन कैसे हो गया। इस पर डॉक्टरों ने संतोषजनक जवाब नहीं दिया। हद तो तब हो गई जब डेड बॉडी के लिए 9.5 लाख रुपये की मांग अस्पताल प्रशासन की तरफ से की गई। दीवा के पिता नीरज गर्ग जल्द ही अस्पताल के खिलाफ केस करने वाले हैं।