2 साल की बेटी की दे दी गई नरबलि, पंचायत ने दिया पीड़ित परिवार के बहिष्कार का आदेश
उत्तर प्रदेश के शामली के सुन्ना गांव में हुई 2 वर्षीय बच्ची की हत्या के मामले में पुलिस ने एक महिला को गिरफ्तार किया तो वहीं अब पंचायत ने पीड़ित परिवार का ही बहिष्कार कर दिया है। पुलिस ने मंगलवार को उर्मिला कश्यप नाम की महिला को 2 साल की गुड़िया की हत्या करने के आरोप में गिरफ्तार किया था, जिसके बाद गांव की पंचायत ने पीड़ित परिवार पर महिला को फंसाने का आरोप लगाते हुए गुरुवार को उन्हें बहिष्कृत करने का आदेश सुना दिया। पंचायत की बैठक में गांव में रहने वाले सभी लोगों को पीड़ित परिवार से दूरी बनाने का आदेश दिया गया। इसके साथ ही सभी दुकानदारों को भी यह आदेश दिया गया कि वह परिवार के किसी भी सदस्य को कोई भी सामान ना बेचें।
दरअसल, 19 सितंबर को हरेंद्र कश्यप नाम के रिक्शा चालक की दो साल की बेटी गुड़िया अपने घर के सामने खेल रही थी और वहीं से वह गायब हो गई। जिसके बाद हरेंद्र ने कांधला पुलिस स्टेशन में बेटी के गुम होने की रिपोर्ट दर्ज कराई। अगले दिन गुड़िया का शव गांव के तलाब से बरामद किया गया। कुछ स्थानीय निवासियों ने पुलिस को बताया कि उन्होंने आखिरी बार गुड़िया को उर्मिला के साथ देखा था। लोगों का कहना है कि उर्मिला की बहू की शादी को 10 साल हो गए हैं, लेकिन उसे कोई बच्चा नहीं हुआ, जिसके कारण उर्मिला ने गुड़िया की नरबलि इस विश्वास के साथ दे दी कि ऐसा करने से उसकी बहू को बच्चे हो जाएंगे।
पुलिस स्टेशन के हाउस ऑफिसर ओपी तिवारी का कहना है, ‘उर्मिला को उसी के गांव के दो लोगों के बयानों के आधार पर गिरफ्तार किया गया है। दोनों गवाहों का कहना है कि उन्होंने गुड़िया को आखिरी बार उर्मिला के साथ ही देखा था। स्थानीय लोगों का कहना है कि बच्ची का मर्डर किया गया है… उसकी नरबलि दी गई है।’ वहीं गांव के प्रधान गजेंद्र कुमार का कहना है, ‘जो महिला बच्ची के घर के पास ही रहती है और उसके घर आती-जाती रहती है, उसे कैसे आरोपी बनाया जा सकता है। पंचायत ने आदेश दिया है कि गांव का कोई भी व्यक्ति हरेंद्र कश्यप के परिवार से कोई भी नाता ना रखे और उनका पूरी तरह से बहिष्कार करे।’