IIT के प्रोफेसर का आरोप- पक्षपाती है प्रधानमंत्री रिसर्च फेलोशिप, पूछा- क्‍या माफिया काम कर रहा है?

प्रधानमंत्री रिसर्च फेलोशिप (PMRF) के लांच होते ही इसके तौर-तरीकों को लेकर आलोचना शुरू हो गई है। IIT कानपुर में कंप्यूटर साइंस के प्रोफेसर धीरज सांघी का आरोप है कि PMRF पक्षपाती है। यह केंद्रीय तकनीकी संस्थानों के छात्रों के लिए है न कि देश के सभी संस्थानों के बेहतरीन शोधकर्ताओं के लिए। उन्होंने पूछा कि इसके पीछे क्या IIT माफिया काम कर रहा है? प्रो. सांघी ने ब्लॉग के जरिये PMRF की आलोचना की है। उन्होंने केंद्रीय सहायता प्राप्त देशभर के सिर्फ 60 तकनीकी संस्थानों के छात्रों को योजना का लाभ देने पर आपत्ति जताई है। उन्होंने लिखा कि इससे हैदराबाद और दिल्ली स्थित IIIT (राज्य सरकार द्वारा संचालित) के अलावा बिट्स पिलानी और जादवपुर यूनिवर्सिटी जैसे संस्थानों के छात्र वंचित रह जाएंगे। प्रो. सांघी ने दावा किया कि इन संस्थानों में कंप्यूटर सांइस की पढ़ाई कई NIT से बेहतर होती है। उनके मुताबिक, सरकार को यह स्वीकार करना चाहिए कि यह योजना केंद्रीय तकनीकी संस्थानों की मदद करने को लेकर है न कि गुणवत्ता को लेकर। IIT कानपुर के प्रोफेसर का दावा कि इससे ज्वाइंट इंट्रेंस एग्जामिनेशन (JEE) पास करने वाले छात्रों को फायदा मिलेगा। बता दें कि JEE के जरिये ही केंद्रीय तकनीकी संस्थानों में दाखिले होते हैं। प्रो. सांघी ने IIT और IISc द्वारा PMRF का संचालन करने पर भी आपत्ति जताई है।

रिसर्च ग्रांट पर भी आपत्ति: IIT कानपुर के प्रोफेसर ने दो लाख रुपये के सालाना रिसर्च ग्रांट पर भी सवाल उठाए हैं। उन्होंने अपने ब्लॉग में लिखा कि IIT टीचर्स को रिसर्च के लिए एक साल में सिर्फ एक लाख रुपये ही दिए जाते हैं। इसके अलावा प्रो. सांघी ने जेआरएफ के तहत हर महीने महज 25,000-28,000 रुपये प्रति माह का स्टाइपेंड मिलने का मामला भी उठाया। हालांकि, मानव संसाधन विकास मंत्रालय के विशेष सचिव ने PMRF का बचाव किया है। ‘द टेलीग्राफ’ से बात करते हुए उन्होंने कहा कि केंद्रीय तकनीकी संस्थानों में JEE मेन या एडवांस के जरिये छात्रों को दाखिला दिया जाता है। ऐसे में प्रतिभा चयन का यह सबसे बेहतर तरीका है। उन्होंने बताया कि PMRF के लिए अब तक 160 छात्र आवेदन कर चुके हैं।

क्या है PMRF: केंद्र सरकार ने 24 फरवरी को शोध-अनुसंधान को बढ़ावा देने के लिए PMRF योजना शुरू करने की घोषणा की थी। इसके तहत इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस (बेंगलुरु) या IIT, NIT, IISER और सेंट्रल IIIT से बीटेक, इंटिग्रेटेड एमटेक या इंटिग्रेटेड एमएससी कर चुके या अंतिम वर्ष के छात्र IIT और IISc के पीएचडी प्रोग्राम में सीधे दाखिला ले सकेंगे। इसके लिए उन्हें दो शर्तों को पूरा करना होगा। पहली शर्त के तहत छात्रों को बीटेक में 8 CGPA (क्यूमूलेटिव ग्रेड प्वाइंट्स एवरेज) लाना जरूरी होगा। इसके अलावा छात्रों को इंटरव्यू पास करना होगा जहां उनसे भावी शोध के बारे में पूछा जाएगा। एक साल में एक हजार छात्र PMRF का लाभ ले सकेंगे। फेलोशिप हासिल करने वाले छात्रों को पहले दो वर्ष तक 70,000 रुपये प्रति माह मिलेगा। तीसरे साल में 75,000 रुपये और चौथे एवं पांचवें वर्ष में 80,000 रुपये प्रति माह फेलोशिप के तौर पर दिया जाएगा। इसके अलावा योग्य शोधार्थियों को दो लाख रुपये का रिसर्च ग्रांट भी मिलेगा।

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