भारत ने इस्लामाबाद में तैनात राजनयिकों को उच्चायोग से बाहर नहीं निकलने का दिया निर्देश
राजनयिकों को परेशान किए जाने के आरोप-प्रत्यारोप को लेकर भारत और पाकिस्तान के बीच संबंधों में खटास और बढ़ी है। दोनों देशों के राजनयिक अपने-अपने स्तर पर नए आरोप लगा रहे हैं और कार्रवाई कर रहे हैं। नई दिल्ली में पाकिस्तानी उच्चायुक्त को इस्लामाबाद तलब किए जाने के बाद भारत ने शनिवार को कड़े रुख का संकेत दिया। विदेश मंत्रालय ने इस्लामाबाद स्थित अपने उच्चायोग के कर्मचारियों से कहा है कि वे उच्चायोग व रिहाइशी परिसर को छोड़कर और कहीं न जाएं। भारत ने अजमेर में उर्स के लिए पांच सौ लोगों का वीजा आवेदन खारिज कर दिया है। सालाना उर्स 19 से 29 मार्च तक चलेगा। इस बारे में विदेश मंत्रालय का कहना है कि पाकिस्तान में भारत सरकार की जीओवी.इन वाली आधिकारिक वेबसाइटों पर रोक लगा दी गई है। ऐसे में प्रॉक्सी सर्वर से डाउनलोड किए जा रहे आवेदनों को खारिज किया गया है।
गुरुवार को पाकिस्तान ने नई दिल्ली स्थित उच्चायोग में तैनात अपने उच्चायुक्त सोहैल महमूद को तनातनी के मुद्दों पर चर्चा के लिए इस्लामाबाद बुलाया था। इसके बाद भारत ने इसे रुटीन प्रक्रिया बताते हुए ज्यादा तवज्जो देने से मना कर दिया था। हालांकि, भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार का कहना है कि मौजूदा हालात में भारत सरकार पाकिस्तान में कार्यरत अपने राजनयिकों और उच्चायोग के स्टाफ की सुरक्षा के लिए चिंतित है। इस कारण ही विदेश मंत्रालय ने पाकिस्तान में तैनात अपने स्टाफ के लिए परामर्श जारी किया है कि जब तक बेहद जरूरी न हो, वे लोग उच्चायोग या रिहाइशी परिसर छोड़कर बाहर न निकलें।
पाकिस्तान ने नई दिल्ली में अपने उच्चायोग के अधिकारियों और कर्मचारियों को भारतीय खुफिया एजंसियों द्वारा तंग किए जाने का आरोप लगाते हुए उच्चायुक्त को तलब किया था। पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय का दावा है कि उनके कर्मचारियों के बच्चों को स्कूल से घर जाने के रास्ते में तंग किया जाता है। पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय ने दावा किया है कि वियना समझौते के तहत भारत सरकार से सुरक्षा मांगी गई है, लेकिन कोई कदम नहीं उठाया गया है। दूसरी ओर, भारत सरकार भी वियना समझौते का हवाला देते हुए इस्लामाबाद में सुरक्षित माहौल की मांग कर रही है। रवीश कुमार के अनुसार, भारत ने अपने उच्चायोग के कर्मचारियों को तंग किए जाने की घटनाओं की लंबी फेहरिस्त पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय को सौंप रखी है। लेकिन अब तक कुछ नहीं किया गया है। रवीश कुमार के अनुसार, भारतीय अधिकारी पाकिस्तानी के आरोपों की वास्तविकता परख कर जांच कर रहे हैं।