बुलेट ट्रेन परियोजना- शुरू हुआ उम्मीदों का सफर

भारत और जापान के बीच कारोबारी साझेदारी की नई इबारत लिखने की तैयारी हो गई है। इस ऐतिहासिक क्षण के लिए जापानी प्रधानमंत्री शिंजो आबे बुधवार को भारत पहुंचे। वे दो दिवसीय यात्रा पर आए हैं। उनकी इस बहुप्रचारित यात्रा के दौरान कई अहम करार होंगे। लेकिन सबसे खास होगा उनका गुरुवार को अमदाबाद और मुंबई के बीच पहली बुलेट ट्रेन परियोजना की आधारशिला रखना। आबे शुक्रवार को भी कई अन्य महत्त्वपूर्ण समारोहों में हिस्सा लेंगे। प्रधानमंत्री मोदी ने आबे की इस यात्रा को भारत-जापान संबंधों में नए युग का आगाज बताया है।इससे पहले जापान के प्रधानमंत्री का बुधवार को यहां पहुंचने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमदाबाद हवाई अड्डे पर जोरदार स्वागत किया। स्वागत समारोह के तत्काल बाद आबे और उनकी पत्नी मोदी के साथ खुली जीप में 8 किलोमीटर के रोडशो में शामिल हुए और साबरमती आश्रम गए। वहां उन्होंने महात्मा गांधी की प्रतिमा के समक्ष कुछ समय बिताया।

जब आबे अमदाबाद हवाई अड्डे पर पहुंचे, तब वे औपचारिक परिधान में थे और सूट पहने हुए थे। साबरमती आश्रम जाने के दौरान आबे कुर्ता-पायजामा और नीली सदरी पहने हुए थे और उनकी पत्नी सलवार-कमीज और ओढ़नी में थीं। रोडशो के दौरान पूरे रास्ते दोनों नेताओं ने सड़क के किनारे खड़ी भीड़ और पारंपरिक नृत्य-संगीत का प्रदर्शन कर रहे कलाकारों की ओर हाथ हिलाकर उनका अभिवादन किया। साबरमती आश्रम में आबे और उनकी पत्नी ने राष्ट्रपिता को श्रद्धांजलि दी। मोदी ने भारत आए अतिथियों को औपनिवेशिक शासन के खिलाफ अहिंसक संघर्ष में चरखा के महत्त्व को बताया। यह पहला मौका है जब मोदी ने किसी दूसरे देश के शासनाध्यक्ष के साथ संयुक्तरूप से रोडशो किया। यह दोनों देशों के करीबी संबंधों और आबे के साथ घनिष्ठता को प्रर्दिशत करता है।  रोडशो के दौरान सड़क के किनारे उपस्थित भीड़ भारत और जापान के राष्ट्रध्वज को लहरा रही थी। इस दौरान भारतीय संस्कृति के विविध आयामों को प्रर्दिशत करने के लिए विभिन्न स्थानों पर 28 मंडप बनाए गए थे । कलाकार रंगबिरंगी पोशाक धारण किए हुए लोकनृत्य समेत अन्य सांस्कृतिक कार्यक्रम पेश कर रहे थे। यह रोडशो अमदाबाद हवाई अड्डे से शुरू हुआ और करीब आठ किलोमीटर की दूरी तय करता हुआ साबरमती आश्रम पर समाप्त हुआ। आबे को हवाईअड्डे पर गार्ड आॅफ आॅनर दिया गया।

प्रधानमंत्री मोदी और प्रधानमंत्री आबे 14 सितंबर को गांधी नगर में महात्मा मंदिर में 12वीं भारत-जापान वार्षिक शिखर वार्ता करेंगे। दोनों नेता मीडिया के समक्ष अपना वक्तव्य भी देंगे। भारत-जापान व्यावसायिक शिष्टमंडल गुरुवार को भारत पहुंचेगा। प्रधानमंत्री मोदी और प्रधानमंत्री आबे के बीच यह चौथी वार्षिक शिखर वार्ता होगी। दोनों नेता विशेष रणनीतिक और वैश्विक साझेदारी के फ्रेमवर्क के अंतर्गत भारत और जापान के बीच बहुउद्देशीय सहयोग की दिशा में हाल में हुई प्रगति की समीक्षा करेंगे और भावी दिशाएं तय करेंगे।दोनों नेता अमदाबाद और मुंबई के बीच चलने वाली भारत की तेज गति रेल परियोजना के भारत में निर्माण के शुभांरभ के लिए 14 सितंबर को आयोजित एक सार्वजनिक समारोह में भाग लेंगे। इस रेल के दो शहरों के बीच चलने से यात्रा में लगने वाले समय में उल्लेखनीय कमी आने की संभावना है। उच्­च गति रेल नेटवर्क के क्षेत्र में जापान एक अग्रणी देश है और इसकी शिंककेनसेन बुलेट रेल दुनिया की सबसे तेज चलने वाली रेलगाड़ियों में से एक है।

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