24 घंटे से भी ज्यादा लेट हो रही हैं ट्रेनें, किया गया 24 घंटे या उससे ज्यादा लेट चल रही ट्रेनों को कैंसिल करने का फ़ैसला

देश के यातायात की लाइफलाइन माने जाने वाली ट्रेनों का घंटों लेट से चलना लगातार जारी है। इसकी वजह से यात्रियों को काफी परेशानी हो रही है, साथ ही रेलवे प्रशासन की भी खासी किरकिरी हो रही है। देरी की एक वजह पटरियों की मरम्मत का काम है, जो रेलवे के लिए खासा सिरदर्द साबित हो रहा है।

रेलवे मंत्रालय ने अपने जोनल यूनिटों से कहा है कि उसे देरी से ट्रेन चलने की वजह से काफी ‘शर्मिंदगी’ झेलनी पड़ रही है। हालांकि, इस शर्मिंदगी से बचने के लिए रेलवे ने जो रास्ता निकाला है, वो यात्रियों को और परेशान करने वाला है। रेलवे प्रशासन ने फैसला किया है कि जो ट्रेनें 24 घंटे या उससे ज्यादा लेट चल रही हैं, उनकी वापसी को कैंसल कर दिया जाए।

 ऐसा करने से इन ट्रेनों को अगले दिन सही समय पर चलाने में मदद मिलेगी। हालांकि, ट्रेनों के कैंसल होने की वजह से भी यात्रियों को खासी परेशानी होनी वाली है। रेलवे बोर्ड ने ट्रेनों को सही वक्त पर चलाने के लिए अधिकारियों को 15 मई तक का वक्त दिया है।

बता दें कि अमृतसर-दिल्ली रूट पर भी नई पटरियां लग रही हैं। इसके अलावा, कुछ निर्माण कार्य भी चल रहा है। इसकी वजह से दिल्ली को जाने वाली या राष्ट्रीय राजधानी से चलने वालीं कम से कम 10 लंबी दूरी की ट्रेनें सोमवार को लेट रही। अलग-अलग स्टेशनों पर इंतजार कर रहे यात्रियों को काफी परेशानी उठानी पड़ी। यूपी, बिहार और पश्चिम बंगाल से आने वाली ट्रेनों पर सबसे बुरा असर पड़ा है। ये आठ से 16 घंटे देरी से पहुंचीं।

 लुधियाना रेलवे स्टेशन के सुपरीटेंडेंट अशोक सलारिया ने कहा, ‘रेलवे के इन्फ्रास्ट्रक्चर को दुरुस्त करने के लिए पूरे नॉर्दर्न रेलवे डिविजन में काम चल रहा है। इस वजह से यूपी, बिहार और कोलकाता की तरफ से आने वाली ट्रेनें कई घंटे लेट रही हैं।’

अधिकारी के मुताबिक, ट्रेनों की देरी की एक अन्य वजह कई समर स्पेशल ट्रेनों का चलना भी है। इसकी वजह से रेलवे रूटों पर काफी दबाव है। बता दें कि अलग अलग रेलवे जोन्स में इंजीनियरिंग का काम जारी होने की वजह से ट्रेनें खासी लेट हो रही हैं। दक्षिणी रेलवे भी इससे अछूता नहीं है। चेन्नई डिविजन में नया सिग्नल सिस्टम लग रहा है।

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