रेलवे कम करने जा रहा है 500 से ज्यादा ट्रेनों का समय
नव-निर्वाचित रेलमंत्री पीयूष गोयल के नेतृत्व में इंडियन रेलवे की एक नई पहल जल्द ही धरातल पर उतरने वाली है। इस पहल के तहत 500 के आसपास की लंबी दूरी की ट्रेनों का यात्रा समय घटाए जाने की योजना है। खबरों के मुताबिक, इन लंबी दूरी की ट्रेनों का यात्रा समय दो घण्टे तक घटाया जा सकता है। रेल मंत्रालय के अधिकारियों ने इंडियन एक्प्रेस को बताया है कि इस सुविधाजनक योजना की प्लानिंग पूरी कर ली गई है और आगामी 30 नवंबर को इसे ‘Trains at a Glance’ के तहत सार्वजनिक कर दिया जाएगा।
रेल मंत्रालय और रेलमंत्री पीयूष गोयल के द्वारा रेलवे में सुधार के मद्देनजर उठाए गए अनेक कदमों में से यह एक कदम है। इसके तहत लंबी दूरी की यात्रा तय करने वाली देशभर की महत्वपूर्ण ट्रेनों की स्पीड बढ़ाए जाने की दिशा में प्रयास किया गया है। ऐसा होने से यात्रियों का कुल यात्रा समय कई मिनटों तक कम हो जाएगा। इस प्रयास को “innovative timetabling” कहा जा रहा है।
50 के आसपास मेल और एक्प्रेस ट्रेनों को अपग्रेड करके सुपरफास्ट में तब्दील कर दिया जाएगा। यह काम लगभग 700 ट्रेनों का रनिंग टाइम का इंटरनल ऑडिट करने के बाद किया जाएगा। बता दें कि पीयूष गोयल के निर्देश पर यह प्रक्रिया दो हफ्ते पहले ही शुरू की जा चुकी है। साथ ही साथ रेल यात्रा के समय को कम करने के प्रयास में प्रधानमंत्री कार्यालय भी रेल विभाग के साथ पिछले तीन साल से लगा हुआ है।
ट्रेनों को अपग्रेड करने के इस काम में देश के सभी राज्यों को ध्यान में रखा जाएगा। उदाहरण के तौर पर हम हैदराबाद-तिरुपति एक्प्रेस को ले सकते हैं। हैदराबाद-तिरुपति एक्प्रेस 733 किमी की यात्रा फिलहाल 14 घण्टे में पूरी करती है। अपडेट कर दिए जाने के बाद यह दूरी 100 मिनट से भी कम का समय लेगी। वहीं, भोपाल-जोधपुर एक्सप्रेस 95 मिनट में अपनी दूरी तय कर लेगी। गुवाहाटी-इंदौर एक्प्रेस 2,330 किमी की दूरी 115 मिनट में पूरी कर लेगी।
इसके अलावा ट्रेनों का यात्रा समय कम करने के लिए लगभग 700 ट्रेनों का हाल्ट समय कम कर दिया जाएगा। लंबी दूरी की ट्रेनों के इंजन रिवर्सल में फिलहाल 30-55 मिनट का समय दिया जाता है, जिसे कम करके 20 या उससे भी कम कर दिया जाएगा। इसके साथ ही साथ पिछले तीन सालों में ट्रेनों की स्पीड बढ़ाने की दिशा में कई कदम उठाए गए हैं। जैसे कि ऑमैटिक सिंग्लिंग, आपातकालीन थर्ड ट्रैक जैसी कई व्यवस्थाएं की गई हैं। ट्रेनों के डिब्बों को भी आधुनिक बनाने का प्रयास किया गया है, जिससे ट्रेन की स्पीड बढ़ाई जा सके।