इंफोसिस के नए सीईओ होंगे सलिल पारेख, मैनेजिंग डायरेक्टर का पद भी संभालेंगे
देश की प्रमुख आईटी कंपनी इंफोसिस ने सलिल ए. पारेख को अपना मुख्य कार्यकारी अधिकारी और प्रबंध निदेशक नियुक्त किया है। उनका कार्यकाल दो जनवरी, 2018 से शुरू होगा। एक नियामकीय दाखिले में कंपनी ने शनिवार को यह जानकारी दी। इससे पहले पारेख कैपजेमिनी में पूरे समूह के कार्यकारी निदेशक मंडल के सदस्य रह चुके हैं। पारेख ने कॉर्नेल विश्वविद्यालय से कंप्यूटर साइंस एवं मैकेनिकल इंजीनियंरिंग में परास्रातक किया है। उनकी स्रातक की पढ़ाई भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, बंबई से हुई है। स्रातक में उनका विषय एरोनॉटिकल इंजीनियंरिंग था। अभी यू. बी. प्रवीण राव कंपनी के अंतरिम मुख्य कार्यकारी अधिकारी और प्रबंध निदेशक हैं। दो जनवरी को पारेख के पदभार ग्रहण करने के बाद वह कंपनी के मुख्य परिचालन अधिकारी बने रहेंगे।
इंफोसिस के अध्यक्ष नंदन नीलेकणि ने बताया, “हमें खुशी है कि सलिल इंफोसिस में सीईओ और एमडी के रूप में जुड़े हैं। उन्हें आईटी सेवा क्षेत्र का तीन दशकों का अंतर्राष्ट्रीय अनुभव है। उनका व्यावसायिक निष्पादन और सफल अधिग्रहण के प्रबंधन का मजबूत ट्रैक रिकार्ड है।” कंपनी के निदेशक मंडल के चेयरमैन नीलेकणि ने कहा, ‘‘उनके (पारेख) पास सूचना प्रौद्योगिकी सेवा क्षेत्र में लगभग तीन दशक काम करने का अनुभव है। कई कारोबारों को बनाने और कई अधिग्रहणों को सफलतापूर्वे प्रबंध करने का उनका शानदार रिकॉर्ड है।’’ उन्होंने कहा कि निदेशक मंडल का मानना है कि ऐसे परिवर्तनकारी समय में इंफोसिस का नेतृत्व करने के लिए पारेख एकदम उचित व्यक्ति हैं।
कंपनी ने कहा कि यू. बी. प्रवीण राव ने अंतरिम सीईओ और एमडी के पद से इस्तीफा दे दिया है, जो दो जनवरी, 2018 से प्रभावी होगा। वे मुख्य परिचालन अधिकारी और कंपनी के पूर्णकालिक निदेशक के रूप में काम करते रहेंगे। इंफोसिस का पूर्णकालिक सीईओ का पद विशाल सिक्का के 18 अगस्त को इस्तीफा देने के बाद से ही खाली था।
सिक्का ने यह कहते हुए पद छोड़ा था कि वे ‘दुर्भावनापूर्ण निजी हमलों’ के बीच काम नहीं कर सकते। कंपनी के बोर्ड ने सिक्का के नाटकीय इस्तीफे के लिए कंपनी के संस्थापक एन. आर. नारायण मूर्ति को जिम्मेदार ठहराया था। इंफोसिस की तरह कैपजेमिनी भी एक वैश्विक कंसल्टिंग, प्रौद्योगिकी और आईटी आउटसोर्सिग कंपनी है, जिसका मुख्यालय फ्रांस के पेरिस में है।